खरगे ने मोदी सरकार के 11 साल की आलोचना की, प्रधानमंत्री पर 33 गलतियां करने का आरोप लगाया
शफीक नरेश
- 11 Jun 2025, 05:35 PM
- Updated: 05:35 PM
कलबुर्गी (कर्नाटक), 11 जून (भाषा) केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 11 साल पूरे होने पर बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री पर इस अवधि के दौरान 33 गलतियां करने का आरोप लगाया।
खरगे ने दावा किया कि उन्होंने कभी ऐसा प्रधानमंत्री नहीं देखा जो इतना झूठ बोलते हों, लोगों को ‘फंसाते’ हों तथा युवाओं को ‘धोखा’ देते हों।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “11 साल हो गए और 33 गलतियां की गई हैं। आप जानते हैं और मैं संसद में भी कहता रहा हूं - मैंने ऐसा प्रधानमंत्री कभी नहीं देखा जो इतना झूठ बोलते हों, इतनी गलतियां करते हों, लोगों को फंसाते हों, युवाओं को बरगलाते हों, गरीबों को फंसाकर वोट लेते हों। मैं 55 साल सत्ता में रहा हूं और 65 साल से राजनीति में हूं, मगर उनके जैसा कोई नहीं हुआ।”
खरगे ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री हर बात पर झूठ बोलते हैं और जो कहते हैं उसे लागू नहीं करते तथा जब उनसे सवाल किया जाता है तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं होता।
खरगे ने कहा, “चाहे नोटबंदी हो, चाहे रोजगार सृजन हो, चाहे एमएसपी हो, ऐसी कई बातें हैं। उन्होंने कभी स्वीकार नहीं किया कि उन्होंने लोगों से झूठ बोला है, गलती की है, और न ही कभी उसके लिए माफी मांगी। वह एक के बाद एक बातें कहते रहते हैं और अब 11 साल हो गए हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने नौ जून 2024 को तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली थी। मोदी सरकार ने सोमवार को अपने तीसरे कार्यकाल की पहली और कुल 11वीं वर्षगांठ मनाई।
खरगे ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखकर कहा है कि संविधान के अनुसार, लोकसभा के लिए एक उपाध्यक्ष की नियुक्ति की जानी चाहिए और सरकार को संविधान के अनुसार काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ‘लोकतंत्र, लोकतंत्र’ कहते हैं। आजादी के बाद किसी प्रधानमंत्री ने लोकसभा उपाध्यक्ष का पद खाली नहीं रखा, लेकिन उनके दोनों कार्यकालों (प्रधानमंत्री के रूप में) के दौरान, अब तीसरा कार्यकाल चल रहा है, इस पद को खाली रखा गया।’’
संविधान में उपाध्यक्ष के चुनाव का प्रावधान होने का जिक्र करते हुए खरगे ने कहा कि जब संप्रग सरकार थी, तब विपक्ष के नेता को उपाध्यक्ष बनाया जाता था और ऐसा पहले भी होता रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘मोदी का यह कदम गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक है और वह विपक्ष को उपाध्यक्ष का पद भी नहीं देना चाहते। इससे पता चलता है कि उन्हें लोकतंत्र में भरोसा नहीं है।’’
भाषा शफीक