डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे टूटकर 86.23 पर बंद
राजेश राजेश रमण
- 17 Jun 2025, 04:35 PM
- Updated: 04:35 PM
मुंबई, 17 जून (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे की गिरावट के साथ 86.23 (अस्थायी) बंद हुआ। ईरान-इजराइल के बीच युद्ध और डॉलर के मजबूत होने के बीच रुपये में यह गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में कमजोर धारणा और एफआईआई निकासी ने रुपये पर और दबाव डाला है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 85.96 पर खुला तथा 85.96 से 86.28 के दायरे में कारोबार करने के बाद कारोबार के अंत में 86.23 (अस्थायी) पर बंद हुआ। यह पिछले बंद से 19 पैसे की गिरावट है। सोमवार को रुपया 86.04 पर बंद हुआ था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘‘चूंकि रुपया 86.20 से नीचे बंद हुआ है, इसलिए हमारा अनुमान है कि यह किसी भी सुधार से पहले 86.70 के स्तर तक गिर सकता है। युद्ध के कारण डॉलर की बिक्री फिलहाल सीमित है और यह जोखिम पर असर डाल रही है और शुल्क का मुद्दा गौण होने के कारण डॉलर खरीदा जा रहा है। ट्रंप ने यह भी कहा कि दवा कंपनियों पर शुल्क जल्द ही आने वाला है, जिससे भारत के दवा कंपनियों शेयरों में आशंका पैदा हुई है और एफपीआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यूरोप और पचिम एशिया में संघर्ष तेज हो गया है। अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के निर्वासन के कारण अशांति है, जबकि अमेरिका में ऋण काफी बढ़ गया है। इन नकारात्मक कारणों से प्रतिभागी जोखिम वाली संपत्तियों से दूर हो रहे हैं। इससे रुपया टूटा और 86.24 पर बंद हुआ।’’
भंसाली ने कहा कि बुधवार को रुपया 85.80-86.50 के दायरे में रह सकता है।
इजराइल-ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड की वायदा कीमत 1.60 प्रतिशत बढ़कर 74.40 प्रति बैरल हो गई।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 212.85 अंक टूटकर 81,583.30 अंक, जबकि एनएसई निफ्टी 93.10 अंक की गिरावट के साथ 24,853.40 अंक पर बंद हुआ।
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.20 प्रतिशत बढ़कर 98.19 हो गया।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी मासिक आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी की दर इस वर्ष अप्रैल में 5.1 प्रतिशत से बढ़कर मई में 5.6 प्रतिशत हो गई, जिसका मुख्य कारण मौसमी बदलाव है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को शुद्ध आधार पर 2,539.42 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश