ओएनजीसी गैस रिसाव मामले में असम के मुख्यमंत्री ने कहा : नियंत्रण प्रयासों में गंभीरता का अभाव
योगेश माधव
- 18 Jun 2025, 09:38 PM
- Updated: 09:38 PM
शिवसागर (असम), 18 जून (भाषा) असम में ओएनजीसी के कच्चे तेल के कुएं से लगातार सातवें दिन भी गैस का रिसाव जारी रहने के बीच मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से आग्रह किया कि वह ऊर्जा क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी को रिसाव रोकने के प्रयास तेज करने का निर्देश दें।
पुरी को लिखे एक पत्र में शर्मा ने कहा कि स्थानीय लोगों का दावा है कि रिसाव को रोकने के लिए ओएनजीसी की कार्रवाई में पर्याप्त तत्परता और गंभीरता नहीं दिखाई दे रही है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "माननीय केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को बारीचुक गैस रिसाव की घटना के बारे में हमारी चिंताओं से अवगत कराया। मैंने उनसे ओएनजीसी को मिशन मोड में कुओं पर नियंत्रण प्रयासों को बढ़ाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है ताकि स्थिति और खराब न हो।"
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस समय प्रभावित लोगों को आवश्यक राहत प्रदान कर रही है, लेकिन स्थिति को सामान्य करने के लिए ओएनजीसी की ओर से अधिक सक्रिय और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।
यह रिसाव 12 जून को भटियापार के बारीचुक में तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के रुद्रसागर तेल क्षेत्र के रिग नंबर एसकेपी 135 के कुआं नंबर आरडीएस 147 में हुआ था।
एक निजी कंपनी एसके पेट्रो सर्विसेज सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी की ओर से कुएं का संचालन कर रही थी।
मुख्यमंत्री शर्मा ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी को लिखे पत्र को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर अपने पोस्ट में साझा किया।
उन्होंने कहा कि इस रिसाव से आसपास के गांवों में काफी संकट पैदा हो गया है और 330 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और राज्य सरकार उन्हें सहायता प्रदान कर रही है।
शर्मा ने पत्र में कहा, "जिला प्रशासन और राज्य की एजेंसियां जमीनी स्तर पर पूरी तरह से सक्रिय हैं, लेकिन मैं यह बताने के लिए बाध्य हूं कि स्थानीय लोगों की धारणा है कि ओएनजीसी की कार्रवाई में पर्याप्त तत्परता और गंभीरता नहीं है।"
उन्होंने कहा, "पहले की घटनाओं की तरह इसे युद्धस्तर पर संभालने की बजाय, इस बार की प्रतिक्रिया केवल औपचारिक प्रक्रियाओं तक सीमित और अपेक्षाकृत कमज़ोर नजर आ रही है।"
सोमवार को घटना स्थल के दौरे के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने वहां मौजूद लोगों को आश्वस्त किया है कि उनकी चिंताओं को सर्वोच्च स्तर पर उठाया जाएगा।
शर्मा ने पुरी से कहा, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया ओएनजीसी को निर्देश दें कि वह स्थल पर अपनी उपस्थिति को मजबूत करे, मिशन मोड में काम करे और प्रभावित समुदायों से संवाद बढ़ाए, ताकि लोगों का विश्वास बहाल हो और स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रण में लाया जा सके।"
असम सरकार ने मंगलवार को शिवसागर जिले में ओएनजीसी के तेल कुएं से गैस रिसाव से प्रभावित लगभग 350 परिवारों को 25-25 हजार रुपये की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया था।
पुरी ने ओएनजीसी द्वारा किये जा रही कुआं नियंत्रण प्रयासों की समीक्षा की तथा प्रयासों के बारे में जानकारी ली। ओएनजीसी ने पुरी को सूचित किया कि कंपनी ने अन्य कार्य केंद्रों से सक्षम कर्मियों को मौके पर भेजा है, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
इस बीच, कंपनी के एक अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि लगातार प्रयासों के बावजूद कुएं से गैस का अनियंत्रित रिसाव जारी है।
उन्होंने कहा, " पिछले कुछ दिनों में गैस का दबाव नहीं बढ़ा है और हमें जल्द ही कुछ अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है।"
बाद में दिन में, ओएनजीसी ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके आंतरिक कुआं नियंत्रण विशेषज्ञ चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और एक अंतरराष्ट्रीय कुआं नियंत्रण एजेंसी के साथ लगातार परामर्श कर रहे हैं और एक अंतरराष्ट्रीय कुआं नियंत्रण एजेंसी के साथ लगातार परामर्श किया जा रहा हैं।
बयान में कहा गया, "जमीनी स्तर पर प्रयासों को और मजबूत करने के लिए उनकी टीम को मौके पर भेजने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है।"
भाषा योगेश