जालंधर में आंबेडकर प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने के आरोप में सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख कार्यकर्ता गिरफ्तार
सुरभि रंजन
- 19 Jun 2025, 12:13 AM
- Updated: 12:13 AM
चंडीगढ़, 18 जून (भाषा) जालंधर में बी. आर. आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने और राज्य में कई जगहों पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखने के आरोप में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के एक प्रमुख कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया है। पंजाब पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि बरनाला जिला निवासी आरोपी रेशम सिंह को राज्य विशेष अभियान प्रकोष्ठ (एसएसओसी) ने गिरफ्तार किया है।
डीजीपी के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सिंह ने जून के पहले सप्ताह में जालंधर के फिल्लौर के नांगल में आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया था।
यादव ने बताया कि आरोपी ने अमेरिका स्थित सुरिंदर सिंह ठिकरीवाल और एसएफजे प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के निर्देश पर यह काम किया।
ठिकरीवाल, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज कई मामलों में वांछित अपराधी है।
उन्होंने कहा कि रेशम पर पटियाला, फरीदकोट, जालंधर और अन्य जिलों में खालिस्तान समर्थक और एसएफजे समर्थक नारे लिखने के साथ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप है। वह फिल्लौर की घटना के बाद से फरार था।
डीजीपी ने कहा, ‘‘मई 2025 में भारत-पाक तनाव के दौरान उसने (रेशम सिंह) सार्वजनिक अशांति भड़काने और राष्ट्र-विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ जैसे भड़काऊ नारे लिखे थे।’’
यादव ने कहा कि सबूत यह भी संकेत देते हैं कि आरोपी को इन गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विदेश से वित्तीय मदद मिल रही थी।
डीजीपी के अनुसार, सिंह को पहले हरियाणा के संगरूर और करनाल में राष्ट्र-विरोधी नारे लिखने के आरोप में यूएपीए के तहत दर्ज दो मामलों में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में अपराध के तार जोड़ने के लिए जांच जारी है।
सिंह की गिरफ्तारी का विवरण साझा करते हुए सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) रवजोत ग्रेवाल ने कहा कि पुलिस टीम को दीवारों और पुलों पर भड़काऊ नारे लिखने में उसकी संलिप्तता के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिली थी, जिसका उद्देश्य ‘‘अलगाव, सशस्त्र विद्रोह या विध्वंसक गतिविधियों’’ को भड़काना था।
इन सूचनाओं और निरंतर निगरानी के आधार पर एसएसओसी की मोहाली टीम ने एक अभियान शुरू किया और सिंह को खरड़ से गिरफ्तार किया, जहां आरोपी को उसके आका ठिकरीवाल ने छिपने का ठिकाना मुहैया कराया था।
ग्रेवाल ने कहा कि निरंतर पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि उसे पहली बार 2019 में हरप्रीत सिंह उर्फ राणा के माध्यम से एसएफजे नेटवर्क से परिचित कराया गया था, जो वर्तमान में प्रतिबंधित मीडिया चैनल ‘पॉलिटिक्स पंजाब’ पर कार्यक्रम करता था। इस चैनल को अमेरिका से संचालित किया जाता था।
उन्होंने कहा कि राणा ने सिंह को बिक्रमजीत सिंह (अमेरिका), जे. एस. धालीवाल और संगठन प्रमुख पन्नू सहित एसएफजे के प्रमुख सदस्यों से संपर्क कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
एआईजी ने कहा कि करीब दो साल बाद मई 2024 में संगरूर जेल से रिहा होने के बाद सिंह ने मूल रूप से बरनाला के ठिकरीवाल गांव के निवासी ठिकरीवाल के निर्देशन में अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को फिर से शुरू किया, जो 2022 में अमेरिका भाग गया था।
जांच से पता चला है कि हर कार्य के बाद सिंह वीडियो रिकॉर्ड करता था और उन्हें विदेश में अपने आकाओं को भेजता था। ग्रेवाल ने कहा कि उसे विदेश स्थित अपने आकाओं से अब तक करीब आठ से 10 लाख रुपये मिल चुके हैं।
भाषा सुरभि