भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते से कंपनियों के बीच बढ़ेगा भरोसा: गोयल
अजय रमण
- 18 Jun 2025, 10:24 PM
- Updated: 10:24 PM
(अदिति खन्ना)
लंदन, 18 जून (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दोनों देशों की कंपनियों के लिए ‘स्थिरता और भरोसा’ लाएगा।
गोयल ने ‘इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) यूके-इंडिया वीक’ में ब्रिटेन-भारत एफटीए पर आयोजित सत्र के दौरान दोनों देशों के बीच ‘मधुर संबंधों’ को लेकर उम्मीद जतायी, जिससे पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होने की उम्मीद है।
गोयल ने कहा, ‘‘मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच संबंधों में स्थिरता और भरोसा लाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे कंपनियों को एक-दूसरे की अर्थव्यवस्था में निवेश शुरू करने का विश्वास मिलता है और मुझे लगता है कि इससे दोनों देशों में अधिक निवेश का रास्ता भी साफ होगा होगा और वस्तुओं तथा सेवाओं के व्यापार में वृद्धि होगी...।’’
गोयल ने कहा, ‘‘भारत और ब्रिटेन अधिक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला लाने, एक-दूसरे के साथ काम करने, एक-दूसरे के पूरक बनने और दोनों देशों में मूल्य और लाभ जोड़ने के लिए नवोन्मेष में भागीदार बन सकते हैं।’’
गोयल ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के क्रियान्वयन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने तथा दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों का पता लगाने के लिए दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर लंदन आये हैं।
वह ब्रिटेन के व्यापार एवं वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए यहां आये हैं।
पिछले महीने एफटीए वार्ता समाप्त होने के बाद अपने पहले संयुक्त सार्वजनिक बयान में, रेनॉल्ड्स ने कहा कि वह एफटीए के साथ खुलने वाली संभावनाओं को लेकर ‘वास्तव में काफी उत्साहित’ हैं।
रेनॉल्ड्स ने पिछले सप्ताह हाउस ऑफ कॉमन्स को बताया था कि व्यापार समझौते से दीर्घकाल में द्विपक्षीय व्यापार में हर साल 25.5 अरब ब्रिटिश पाउंड की वृद्धि होने का अनुमान है। इसका कारण दोनों पक्षों के प्रमुख क्षेत्रों में शुल्क में कटौती की गई है।
रेनॉल्ड्स ने संसद को बताया था, ‘‘यह व्यापार समझौता ब्रिटेन के लिए एक बड़ी आर्थिक जीत है।’’
भारत और ब्रिटेन ने छह मई को एफटीए पर सहमति बनने की घोषणा की थी। इस समझौते का उद्देश्य चमड़ा, जूते और कपड़े जैसे श्रम-प्रधान भारतीय निर्यात पर शुल्क समाप्त करना है जबकि व्हिस्की तथा कार जैसे ब्रिटेन के उत्पादों के आयात को आसान बनाना है।
इसका लक्ष्य 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को दोगुना करके 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है। समझौता अभी कानूनी प्रक्रियाओं से गुजर रहा है।
दो दिवसीय यात्रा के दौरान गोयल, ब्रिटेन की वित्त मंत्री रेचल रीव्स से भी मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक प्राथमिकताओं, वित्तीय सहयोग एवं निवेश सुविधा पर चर्चा करेंगे।
रचनात्मक उद्योगों तथा नवोन्मेष-आधारित क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए उनकी संस्कृति, मीडिया एवं खेल मंत्री लिसा नैंडी से भी मिलने की योजना है।
बयान में कहा गया, ‘‘ ये बैठकें वैश्विक व्यापार जगत के नेताओं, निवेशकों एवं नीति विशेषज्ञों को एक साथ लाएंगी, ताकि भारत-ब्रिटेन आर्थिक गलियारे की रणनीतिक रूपरेखा तथा प्रस्तावित एफटीए के परिवर्तनकारी प्रभाव पर विचार-विमर्श किया जा सके।’’
मंत्री, वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत बनाने और सीमापार निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पोत परिवहन, वित्तीय प्रौद्योगिकी, लॉजिस्टिक तथा विनिर्माण सहित प्रमुख क्षेत्रों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत कर सकते हैं।
भाषा अजय रमण