हमारी बेटी युद्ध जैसे हालात के लिए प्रशिक्षित नहीं: तेहरान विवि की भारतीय छात्रा के माता-पिता
सिम्मी मनीषा
- 19 Jun 2025, 11:09 AM
- Updated: 11:09 AM
(तस्वीरों के साथ जारी)
बेंगलुरु, 19 जून (भाषा) भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त ईरान से निकालकर बृहस्पतिवार सुबह नयी दिल्ली लाने वाली उड़ान उन लोगों के लिए भी आशा की किरण लेकर आई जो अपने प्रियजन की सुरक्षित वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
‘तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज’ में चिकित्सा की पढ़ाई कर रही एक छात्रा के बेंगलुरु निवासी माता-पिता ने कहा कि जो लोग ईरान में रह गए हैं, वे चिंतित और घबराए हुए हैं इसलिए भारत सरकार को उन्हें निकालने की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए।
फरीही मेहदी के पिता इमरान मेहदी ने ‘पीटीआई वीडियोज’ से एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि जहां उनकी बेटी रह रही थी, उसके बहुत नजदीक कुछ दिन पहले एक विस्फोट हुआ था।
फरीही की मां शबाना मेहदी ने कहा, ‘‘मेरी बेटी नहीं जानती कि युद्ध जैसी परिस्थितियों से कैसे निपटना है। वह पहले से ही बहुत घबराई हुई है। इसलिए मैं हमारे प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से अनुरोध करती हूं कि वे वहां फंसे सभी भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द वापस लाएं।’’
इमरान ने कहा कि जब उन्होंने 13 जून को अपनी बेटी से बात की तो उन्हें स्थिति की गंभीरता का एहसास हुआ और उन्होंने उसे वापस लाने की कोशिश तुरंत शुरू कर दी।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मुझे ‘एयर अरेबिया’ में केवल 15 जून के लिए ही टिकट मिल पाए। तब तक हवाई क्षेत्र वाणिज्यिक उड़ानों के लिए पहले से ही बंद किया जा चुका था इसलिए वह वहीं फंस गई।’’
दंपति ने उनकी बेटी को ‘‘सुरक्षित’’ स्थान पर ले जाने के लिए भारत सरकार का आभार भी व्यक्त किया।
शबाना ने कहा, ‘‘हमें बताया गया कि छात्रों के एक समूह को आर्मेनिया ले जाया गया है जो उस स्थान से लगभग छह से सात घंटे की दूरी पर है जहां मेरी बेटी रह रही है। हालांकि वह अब भी ईरान में है। हमें ठीक से नहीं पता कि वह कहां है क्योंकि हमें बताया गया कि उनकी सुरक्षा के लिए इसे गुप्त रखा जा रहा है।’’
शबाना ने कहा कि वे अभी केवल व्हाट्सऐप संदेशों के माध्यम से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर अब भी चिंतित हैं और चैन से सो नहीं पा रही हैं।
इमरान ने कहा, ‘‘वहां इंटरनेट कनेक्शन भी स्थिर नहीं है। हमें नहीं पता कि यह कब तक चलेगा।’’
शबाना ने कहा, ‘‘मैंने उससे आखिरी बार पांच दिन पहले वीडियो कॉल के जरिए बात की थी। एक मां के लिए यह बहुत ही भयानक स्थिति है। मैं सभी अभिभावकों की ओर से बोल रही हूं। वहां भारत से मेडिकल के 10,500 छात्र और 4,000 अन्य छात्र हैं। मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि उन्हें जल्द से जल्द निकाला जाए।’’
ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्रों को लेकर पहला विमान बृहस्पतिवार तड़के दिल्ली पहुंचा।
इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत तेहरान से भारतीय छात्रों को निकाला गया और भारतीय दूतावास ने मंगलवार को 110 छात्रों को सुरक्षित रूप से आर्मेनिया में प्रवेश कराने में सहायता की। इसके बाद उन्हें नयी दिल्ली लाया गया।
भाषा सिम्मी