आरबीआई ने बैंकों, एनबीएफसी के लिए परियोजना वित्त संबंधी नए मानक जारी किए
प्रेम प्रेम अजय
- 19 Jun 2025, 07:34 PM
- Updated: 07:34 PM
मुंबई, 19 जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों, एनबीएफसी और अन्य विनियमित संस्थाओं द्वारा बुनियादी ढांचा एवं गैर-बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में परियोजनाओं के वित्तपोषण के एक सुसंगत ढांचे के लिए बृहस्पतिवार को मानदंड जारी किए।
'आरबीआई (परियोजना वित्त) निर्देश, 2025' मौजूदा निर्देशों की समीक्षा और ऐसे वित्तपोषण में निहित जोखिमों के विश्लेषण की पृष्ठभूमि में ऐसी परियोजनाओं के 'वाणिज्यिक संचालन शुरू करने की तारीख' (डीसीसीओ) में बदलाव पर संशोधित नियामकीय उपचार निर्धारित करता है।
आरबीआई ने कहा कि इन निर्देशों में परियोजना वित्त जोखिमों में दबाव के समाधान के लिए एक सिद्धांत-आधारित व्यवस्था को अपनाना शामिल है, जो तमाम विनियमित इकाइयों (आरई) के लिए है।
इसमें बुनियादी ढांचा एवं गैर-बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के लिए वाणिज्यिक संचालन शुरू करने की तारीख में क्रमशः तीन साल एवं दो साल के अधिकतम विस्तार का प्रावधान है।
नवीनतम मानदंडों में परियोजनाओं को मोटे तौर पर तीन चरणों- डिजाइन, निर्माण और परिचालन में विभाजित किया गया है।
आरबीआई ने कहा, ‘‘निर्माणाधीन परियोजनाओं में जहां ऋणदाताओं का कुल जोखिम 1,500 करोड़ रुपये तक है, किसी भी व्यक्तिगत ऋणदाता का जोखिम कुल जोखिम के 10 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए।’’
वहीं, सभी ऋणदाताओं का कुल जोखिम 1,500 करोड़ रुपये से अधिक होने पर परियोजना में व्यक्तिगत ऋणदाता के लिए जोखिम सीमा पांच प्रतिशत या 150 करोड़ रुपये होगी, जो भी अधिक हो।
इसके अलावा, ऋणदाता यह सुनिश्चित करेगा कि वित्त जुटाने से पहले परियोजना के कार्यान्वयन/निर्माण के लिए सभी लागू अनुमोदन/मंजूरियां प्राप्त कर ली गई हैं।
आरबीआई ने कहा कि ऐसी मंजूरियों की सूची में परियोजना पर लागू होने वाली पर्यावरण मंजूरी, कानूनी मंजूरी, नियामकीय मंजूरी शामिल हैं।
कर्ज में दबाव होने की स्थिति में आरबीआई ने कहा कि ऋणदाता को परियोजना के प्रदर्शन एवं तनाव सृजन पर लगातार निगरानी रखनी चाहिए और उससे पहले ही समाधान योजना शुरू करने की अपेक्षा की जानी चाहिए।
आरबीआई ने यह भी कहा कि गैर-अनुपालन पर गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में डाले गए परियोजना वित्त खाते को वास्तविक डीसीसीओ के बाद संतोषजनक प्रदर्शन करने के बाद ही अद्यतन किया जा सकता है।
भाषा प्रेम प्रेम