ईरान-इजराइल संघर्ष : दोनों देशों ने एक-दूसरे के ठिकानों को बनाया निशाना
एपी अमित अमित अविनाश
- 23 Jun 2025, 10:02 PM
- Updated: 10:02 PM
दुबई, 23 जून (एपी) इजराइल ने सोमवार को तेहरान में ईरानी सरकार के ठिकानों पर कई हमले किए, वहीं इजराइली सेना ने पुष्टि की कि उसने ईरान के फोर्दो संवर्धन प्रतिष्ठान तक पहुंच को बाधित करने के लिए उसके आसपास की सड़कों पर हमला किया।
फोर्दो संवर्धन प्रतिष्ठान रविवार को अमेरिका द्वारा निशाना बनाये गए तीन परमाणु प्रतिष्ठानों में से एक था।
ईरान ने भी इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किये। ईरान ने इजराइल पर हमले अमेरिका द्वारा एक दिन पहले ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए हमलों के बाद किये।
इजराइल के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तेहरान पर किए गए हमलों में वहां की कुख्यात एविन जेल और अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के सुरक्षा मुख्यालय को निशाना बनाया गया।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘इजराइली घरेलू मोर्चे पर हमला करने के लिए ईरानी तानाशाह को पूरी ताकत से दंडित किया जाएगा।’’
उसने कहा कि हमलों में तेहरान के फलस्तीन स्क्वायर और ईरानी शासन से संबंधित अन्य "सैन्य कमान केंद्रों" को भी निशाना बनाया गया।
एक इजराइली अधिकारी के अनुसार, ईरानी प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए इजराइल इन स्थलों को निशाना बना रहा है, लेकिन उसे सत्ता से हटाने के लिए सक्रिय रूप से कोशिश नहीं कर रहा है। अधिकारी ने यह जानकारी नाम गुप्त रखने की शर्त पर दी।
इजराइल का यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने ट्रुथ सोशल पर यह लिखे जाने के कुछ ही घंटे बाद आया कि ‘‘यदि वर्तमान ईरानी शासन ईरान को फिर से महान बनाने में असमर्थ है, तो शासन परिवर्तन क्यों नहीं होगा???"
वियना में, संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रविवार को अमेरिका द्वारा बंकर-बस्टर बमों से किए गए हवाई हमलों के बाद फोर्दो स्थित परमाणु केंद्र में भारी क्षति हुई होगी।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा, ‘‘उपयोग किए गए विस्फोटक पेलोड को देखते हुए...बहुत अधिक क्षति होने की आशंका है।’’
रविवार को ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमलों के साथ, अमेरिका ने खुद को इस युद्ध में शामिल कर लिया, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंकाएं पैदा हो गईं।
ईरान ने कहा कि अमेरिका ने मिसाइल और 30,000 पाउंड के बंकर-बस्टर बमों से तीन स्थलों पर हमला करने के अपने जोखिम भरे कदम से ‘एक बहुत बड़ी वर्जित रेखा’ पार कर दी है।
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंदी सहित कई ईरानी अधिकारियों ने दावा किया है कि ईरान ने लक्षित स्थलों से परमाणु सामग्री पहले ही हटा ली थी।
ग्रॉसी ने सोमवार को आईएईए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को बताया कि ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने उन्हें 13 जून को सूचित किया था कि ईरान "परमाणु उपकरणों और सामग्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय अपनाएगा।"
ग्रॉसी ने कहा, ‘‘मैंने संकेत दिया था कि ईरान में किसी सुरक्षित स्थान से किसी अन्य स्थान पर परमाणु सामग्री के स्थानांतरण की घोषणा की जानी चाहिए।" हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ईरान ने इस पर प्रतिक्रिया दी या नहीं।
ईरान के सरकारी टेलीविज़न के अनुसार, ईरान ने सोमवार को किये गए अपने हमले को अपने अभियान ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ की नयी लहर बताया और कहा कि वह इजराइली शहरों हाइफा और तेल अवीव को निशाना बना रहा है।
यरुशलम में भी विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं। इजराइल की मैगन डेविड एडोम आपातकालीन बचाव सेवा ने कहा कि किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है।
ईरान में, चश्मदीदों ने बताया कि दोपहर में तेहरान के आसपास के इलाकों में इजराइली हवाई हमले हुए। ईरानी सरकारी टेलीविजन ने पुष्टि की कि एक इजराइली हमला एविन जेल के गेट पर हुआ।
रिपोर्ट में हमले की ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ फुटेज साझा की गई है। यह जेल दोहरी नागरिकता वाले लोगों और पश्चिमी देशों के लोगों को रखने के लिए जानी जाती है, जिन्हें ईरान अक्सर पश्चिमी देशों के साथ बातचीत में सौदेबाजी के लिए इस्तेमाल करता है।
एविन में राजनीतिक कैदियों और पश्चिमी देशों से संबंध रखने वाले लोगों के लिए विशेष इकाइयां भी हैं, जिन्हें अर्धसैनिक क्रांतिकारी गार्ड द्वारा संचालित किया जाता है, जो केवल ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के प्रति जवाबदेह है।
ईरान में किसी के हताहत होने या बड़ी क्षति की तत्काल कोई सूचना नहीं है, यद्यपि अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी तस्नीम ने कहा है कि इजराइली हमलों के बाद तेहरान के बाहर बिजली आपूर्ति बंद होने की सूचना मिली है।
ईरानी सरकारी टेलीविजन ने भी फुटेज प्रसारित किया, जिसे उसने एविन के अंदर शूट किया हुआ बताया, जिसमें कैदी नियंत्रण में दिख रहे हैं।
इससे पहले, ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ आफ ज्वाइंट स्टाफ के प्रमुख जनरल अब्दुलरहीम मौसवी ने वाशिंगटन को चेतावनी दी कि उसके हमलों ने ईरानी बलों को अमेरिकी हितों और उसकी सेना के खिलाफ कार्रवाई करने की ‘खुली छूट’ दे दी है।
पश्चिम एशिया में हजारों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जिनमें से कई मिसाइल की मारक क्षमता के भीतर स्थित हैं।
अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों - फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर रविवार को हुए हमले को एक बार में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने वाला बताया, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर तेहरान जवाबी कार्रवाई करता है तो और हमले किये जाएंगे।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना की खबर के अनुसार मौसवी ने अमेरिकी हमले को ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया।
रूस ईरान के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को ईरानी विदेश मंत्री अराघची के साथ मास्को में बैठक के बाद कहा कि उन्होंने इस बात पर विचार किया कि ‘‘हम आज की स्थिति से कैसे बाहर निकल सकते हैं।’’
पुतिन ने ईरान पर इजराइल और अमेरिकी हमलों को ‘‘पूरी तरह से बिना किसी उकसावे के किया गया आक्रमण’’ करार दिया।
ईरान पर अमेरिकी हमलों के मद्देनजर, दुनिया भर से संघर्ष को टालने के लिए कूटनीति की ओर लौटने की मांग की जा रही है।
सोमवार को, यूरोपीय संघ की शीर्ष राजनयिक काजा कल्लास ने कहा कि समूह ‘‘कूटनीतिक समाधान पर बहुत अधिक केंद्रित है।’’
ब्रसेल्स में विदेश मंत्रियों की बैठक की शुरुआत में उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिशोध और इस युद्ध के बढ़ने की चिंता है।’’
तेल परिवहन के लिए महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग का जिक्र करते हुए कल्लास ने कहा, "खासकर ईरान द्वारा होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करना बेहद खतरनाक होगा और किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा।"
रविवार के हमलों के बाद, ईरानी अधिकारियों ने प्रमुख जलमार्ग को बंद करने की अपनी पुरानी धमकियों को दोहराया।
ईरान इस बात पर जोर देता है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल असैन्य उद्देश्यों के लिए है। उसने प्रतिबंधों में राहत के बदले 2015 में अमेरिका, फ्रांस, चीन, रूस, ब्रिटेन और जर्मनी के साथ हुए समझौते के तहत अपने यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने और अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों को अपने परमाणु स्थलों तक पहुंच की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की थी।
लेकिन ट्रंप द्वारा अपने पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका को एकतरफा तरीके से इस समझौते से बाहर निकालने के बाद, ईरान ने 60 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन शुरू कर दिया - जो हथियार-ग्रेड के 90 प्रतिशत के स्तर से मामूली तकनीकी कदम दूर है। साथ ही उसने अपनी परमाणु सुविधाओं तक पहुंच को भी सीमित कर दिया।
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