आरबीआई गवर्नर ने आईआईटी, कानपुर में बिताए समय को किया याद, छात्रों को दी नसीहत
प्रेम प्रेम अजय
- 23 Jun 2025, 08:23 PM
- Updated: 08:23 PM
(तस्वीरों के साथ)
कानपुर, 23 जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से जुड़ी अपनी यादें ताजा करते हुए कहा कि छात्र यथास्थिति पर सवाल उठाना बंद न करें और लगातार सीखते रहें, क्योंकि कर्म ही काफी हद तक परिणाम को तय करता है।
आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र मल्होत्रा ने कहा कि विश्वास ही वह बुनियाद है जिस पर कोई भी रिश्ता बनता है, चाहे वह शादी हो, दोस्ती हो या कार्यस्थल पर सीईओ एवं कर्मचारियों के बीच या किसी कंपनी एवं उपभोक्ताओं के बीच का रिश्ता हो।
मल्होत्रा ने आईआईटी कानपुर के 58वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए इस संस्थान में बिताए अपने छात्र जीवन को याद किया। यहां तक कि उन्होंने अपना रोल नंबर भी साझा किया।
मल्होत्रा ने कहा कि उनके सफर से चार सबक मिले हैं- जीवन के लिए सीखना, यथास्थिति पर सवाल उठाना, पुण्य कर्म करना और विश्वास करना।
उन्होंने कहा, ‘‘याद रखें कि सीखना जीवन के लिए है। जिस क्षण कोई नहीं सीख रहा है, यह एक संकेत है कि वह आगे नहीं बढ़ रहा है। यह ज्ञान ही है जो आपको दूसरों से आगे रखेगा।’’
मल्होत्रा आईआईटी, कानपुर से कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग में स्नातक हैं और वह अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से लोक नीति में परास्नातक हैं।
वह 1990 बैच के राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। उन्होंने 11 दिसंबर, 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला था। इसके पहले वह वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग (डीओआर) के सचिव थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आईआईटी में बिताए अपने समय को पुरानी यादों के साथ याद करता हूं। मुझे अब भी आईआईटी में अपना पहला दिन अच्छी तरह याद है जब मेरी मां मुझे एक अन्य ‘बैचमेट’ के साथ छोड़ने आई थीं।’’
उन्होंने इस साल उत्तीर्ण होने वाले छात्रों से कहा कि एक प्रतिष्ठित संस्थान से डिग्री और हाथ में एक अच्छी नौकरी होने पर कृपया यह न सोचें कि आपने अपना मुकाम हासिल कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस क्षण आपको लगेगा कि आपने मुकाम हासिल कर लिया है, उस समय आप स्थिर हो जाएंगे। जिस क्षण आपको लगेगा कि आप सब कुछ जानते हैं, आप आगे बढ़ना बंद कर देंगे।’’
इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने स्नातक करने वाले छात्रों को खुद पर यकीन रखने की सलाह देते हुए कहा कि यथास्थिति पर सवाल उठाने वाले और पुण्य कर्म करने वाले अगुवा बनकर दुनिया बदलने की कोशिश करें।
भाषा प्रेम प्रेम