मार्च 2026 भारत की आजादी के बाद सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा: शाह
संजीव खारी
- 23 Jun 2025, 09:34 PM
- Updated: 09:34 PM
रायपुर, 23 जून (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश 31 मार्च 2026 को जब नक्सलवाद से मुक्त होगा तब वह क्षण आजादी के बाद का सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा।
शाह ने कहा, ‘‘जब नक्सलवाद के खात्मे का इतिहास लिखा जायेगा, उसमें सुरक्षा बलों के जवानों का त्याग, बलिदान और परिश्रम स्वर्णिम अक्षरों से अंकित होगा।’’
अधिकारियों ने बताया कि शाह छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन नवा रायपुर में सुरक्षाबलों के उन कमांडरों और जवानों से बातचीत कर रहे थे जो हाल में नक्सल विरोधी अभियानों में शामिल हुए थे।
‘संकल्प-बल के कमांडरों और कमांडो के साथ बातचीत’ नामक इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सुरक्षाकर्मियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा, ‘‘मोदी जी के नेतृत्व में जब 31 मार्च 2026 को देश नक्सलवाद से मुक्त होगा, वह क्षण आजादी के बाद के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा। जब नक्सलवाद के खात्मे का इतिहास लिखा जायेगा, उसमें सुरक्षा बलों के जवानों का त्याग, बलिदान और परिश्रम स्वर्णिम अक्षरों से अंकित होगा।’’
उन्होंने जवानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आज मैं यहां उपस्थित केंद्रीय सुरक्षा बलों, कोबरा टीम, छत्तीसगढ़ पुलिस बल और डीआरजी के साहस, शौर्य, बलिदान और समर्पण को नमन करता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि सुरक्षा बल के जवान अपने शौर्य और परिश्रम से ही नक्सलियों के साथ मुठभेड़ को सफल बनाते हैं।’’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों ने जिस शौर्य, धैर्य और समर्पण के साथ माओवादियों के बनाये अड्डों को तहस-नहस किया है, उसने विश्व के सभी सुरक्षा बलों को आश्चर्यचकित कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मालूम है कि सेना के जवान जो ठान लेते हैं वो उसे पूरा करके रहते हैं। सुरक्षा बलों के इसी भरोसे से मैं देश में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का ऐलान करता हूं।’’
शाह ने कहा, ‘‘नक्सलवाद गरीब आदिवासी क्षेत्र के लिए बड़ी विभीषिका रही है, जिससे पिछले 35 साल में लगभग 40 हजार लोगों की मौत हुई है या फिर वे अपाहिज होकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। नक्सलवादी हिंसा ने गरीब आदिवासी तक खाना, बिजली, शिक्षा, घर, शौचालय और पेयजल जैसे मूलभूत सुविधाओं को नहीं पहुंचने दिया और उद्योग को तो भूल ही जाइए। इतने लंबे वर्षों तक इतना बड़ा क्षेत्र गुलामी के कालखंड में जीने को मजबूर रहा। इसका मूल कारण नक्सलवाद है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात से खुश हूं कि आज जिस क्षेत्र से नक्सलवाद खत्म कर दिया जाता हैं वहां हमारी सरकार अनाज, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, बिजली, घर, शौचालय और पेयजल पहुंचाकर लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ रही है।’’
शाह ने कहा, ‘‘जब बच्चा हाथ में बंदूक की जगह पेंसिल पकड़कर क, ख, ग लिखता है तो न सिर्फ एक क्षेत्र का बल्कि पूरे देश का भविष्य संवरता है। यह क्षण जल्द ही आने वाला है।’’
अधिकारियों ने बताया कि शाह ने आज छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में ‘लियोर ओयना’ - नक्सलियों द्वारा आदिवासियों के भीषण संहार और बस्तर को बचाने के प्रयासों पर लिखित पुस्तक का लोकार्पण भी किया।
उन्होंने कहा, ‘‘नक्सलियों ने जिन मासूम, निहत्थे लोगों को अपनी हिंसा का शिकार बनाया है, उनकी पीड़ा समझने में यह पुस्तक सहायक होने वाली है। यह पुस्तक मानवाधिकार के नाम पर नक्सलियों से संवेदना दिखाने वालों के आंखों के आगे से पर्दा हटाने और उन्हें बेनकाब करने में भी उपयोगी सिद्ध होगी।’’
इस दौरान वह सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे, जिन्होंने पिछले माह नक्सल विरोधी अभियान में भाकपा (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू (70) को मुठभेड़ में मार गिराया था।
भाषा संजीव