केंद्रीय मंत्री ने कल्याणकारी योजनाओं में तकनीक के इस्तेमाल की आलोचना को खारिज किया
आशीष दिलीप
- 23 Jun 2025, 10:44 PM
- Updated: 10:44 PM
नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने आंगनवाड़ी लाभार्थियों के लिए चेहरे की पहचान को अनिवार्य बनाने के सरकार के प्रयास की आलोचना करने के लिए सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार कल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता और समावेश सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है।
देवी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मोदी सरकार प्रौद्योगिकी के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता और समावेशन सुनिश्चित कर रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस केवल झूठ और गलत सूचना फैलाती है और हमारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में बाधा डालती है।’’
उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस नेता जयराम रमेश के उस बयान के जवाब में आई है, जिसमें उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया था कि वह चेहरा पहचानने की तकनीक (एफआरटी), आधार और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण जैसे डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल कर सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोगों को राशन और मातृत्व लाभ जैसी आवश्यक सुविधाओं से वंचित कर रही है।
आरोप को खारिज करते हुए देवी ने डेटा का हवाला देते हुए तर्क दिया कि तकनीकी हस्तक्षेप ने पहुंच को बढ़ाया है, इसे कम नहीं किया है। उन्होंने लिखा, ‘‘यह कहना बिल्कुल गलत है कि तकनीक के इस्तेमाल से पीएमएमवीवाई (प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना) के लाभार्थियों की संख्या में कमी आई है।’’
देवी के अनुसार, पीएमएमवीवाई के तहत पहली बार लाभ पाने वालों की संख्या 2019-20 में 72.05 लाख से बढ़कर 2024-25 में 80.48 लाख हो गई है - जो अब तक का सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि 2025-26 की पहली तिमाही में ही 27 लाख से अधिक नए लाभार्थी जुड़ चुके हैं।
रमेश ने सरकार पर गरीबों के लिए प्रौद्योगिकी को बाधा में बदलने का आरोप लगाया था। उन्होंने आधार-आधारित प्रणालियों के उपयोग का हवाला देते हुए कहा कि आदिवासियों को राशन और श्रमिकों को मनरेगा मजदूरी से वंचित कर दिया गया है। कांग्रेस नेता ने खासकर आंगनवाड़ी सेवाओं पर निर्भर महिलाओं और बच्चों के लिए चेहरे की पहचान प्रणाली की भेदभावपूर्ण प्रकृति पर भी सवाल उठाया।
भाषा आशीष