रेल से सिंहस्थ कुंभ में पहुंचेंगे एक करोड़ श्रद्धालु, 100 विशेष ट्रेन चलेंगी : रेलवे बोर्ड अध्यक्ष
हर्ष मनीषा
- 24 Jun 2025, 12:31 PM
- Updated: 12:31 PM
इंदौर (मध्यप्रदेश), 24 जून (भाषा) रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2028 के दौरान उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले में शामिल होने के लिए करीब एक करोड़ श्रद्धालुओं के रेल से सफर करने का अनुमान है और इन यात्रियों की सुविधा के लिए 100 विशेष ट्रेन चलाई जाएंगी।
सिंहस्थ कुंभ मेला भगवान शिव के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग वाली धार्मिक नगरी उज्जैन में हर 12 साल के अंतराल में क्षिप्रा नदी के तट पर लगता है।
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष कुमार ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘(वर्ष 2016 के दौरान आयोजित) पिछले सिंहस्थ कुंभ मेले में करीब 20 लाख लोग रेल से सफर करके उज्जैन पहुंचे थे। हमारा अनुमान है कि 2028 के सिंहस्थ मेले में यह तादाद पांच गुना बढ़कर एक करोड़ के आस-पास पहुंचने वाली है। इसके मद्देनजर हम नियमित रेलगाड़ियों के अलावा 100 विशेष ट्रेन चलाएंगे।’’
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि तीन साल बाद लगने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान यात्रियों के सैलाब को संभालने के लिए उज्जैन के साथ ही इंदौर, महू, लक्ष्मीबाई नगर और आस-पास के अन्य रेलवे स्टेशनों को तैयार किया जा रहा है।
कुमार ने बताया कि हिंदुओं के इस विशाल धार्मिक समागम के दौरान रेलगाड़ियों को खड़ी करने की जगह के इंतजाम के लिए उज्जैन और आस-पास के रेलवे स्टेशनों पर 22 नयी लाइन बिछाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से नौ लाइन अकेले उज्जैन में बिछाई जा रही हैं।
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने कहा,‘‘हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि उत्तम व्यवस्थाओं के चलते सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान रेल का सफर यात्रियों के लिए हमेशा यादगार रहेगा।’’
इससे पहले, कुमार ने इंदौर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और रतलाम रेल मंडल की अलग-अलग परियोजनाओं की समीक्षा की।
उन्होंने बताया कि इंदौर-दाहोद परियोजना के तहत करीब 32 किलोमीटर लम्बी रेल लाइन बिछाई जा चुकी है और इस वित्तीय वर्ष में परियोजना की कुल 132 किलोमीटर की लम्बाई तक रेल लाइन बिछ जाएगी।
कुमार ने कहा कि 132 किलोमीटर की इस लम्बाई के बाद आगे का भू-भाग थोड़ा मुश्किल है, इसलिए इंदौर से दाहोद तक पूरी रेल लाइन बिछाने में करीब तीन साल लग सकते हैं।
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर को गुजरात के दाहोद शहर से जोड़ने वाली इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना की कुल लम्बाई 205 किलोमीटर है। इसकी नींव वर्ष 2008 में रखी गई थी।
भाषा हर्ष