भारत-चीन के बीच तनाव का एआईआईबी पर असर नहीं: निवेश समाधान के उपाध्यक्ष पांडे
मनीषा
- 24 Jun 2025, 01:53 PM
- Updated: 01:53 PM
(के. जे. एम. वर्मा)
बीजिंग, 24 जून (भाषा) भारत और चीन के बीच टकराव से एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक (एआईआईबी) के कामकाज और विकास पर कोई असर नहीं पड़ा है, जहां दोनों देश शीर्ष दो निवेशक हैं।
बैंक के निवेश समाधान के उपाध्यक्ष अजय भूषण पांडे ने ‘पीटीआई-वीडियो’ के साथ यहां साक्षात्कार में इस धारणा को दूर करने का प्रयास किया कि एआईआईबी चीन का बैंक है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में एक बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) के रूप में उभरा है, जिसके पास अच्छी तरह से स्थापित शासी संरचनाएं हैं।
बैंक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चीन 26.54 प्रतिशत मतदान अधिकार के साथ एआईआईबी का सबसे बड़ा शेयरधारक है। भारत 7.58 प्रतिशत के साथ दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है। इसके बाद रूस (5.9 प्रतिशत) और जर्मनी (4.1 प्रतिशत) का स्थान आता है।
पूर्व वित्त सचिव और आधार के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पांडे ने अपने लगभग एक घंटे के साक्षात्कार में कई सवालों के जवाब दिए। इनमें से एक प्रमुख सवाल यह भी था कि क्या भारत-चीन तनाव और अमेरिका तथा जापान जैसे प्रभावशाली देशों की अनुपस्थिति ने बैंक पर कोई प्रभाव डाला है।
इस वर्ष अप्रैल में बैंक के निवेश समाधान के उपाध्यक्ष का पदभार संभालने वाले पांडे ने कहा कि भारत और चीन के बीच मतभेदों तथा टकरावों से बैंक के कामकाज पर किसी भी तरह से असर नहीं पड़ा है।
पांडे ने कहा, ‘‘ एमडीबी को पेशेवर संगठन माना जाता है। देशों के बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब वे बैंक की मेज पर बैठते हैं, तो आप जानते हैं कि वे अपने स्वयं के आर्थिक हितों की बात करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आप जानते हैं कि दुनिया में कहीं न कहीं किसी समय कुछ देशों या देशों के समूह के बीच हमेशा कुछ भू-राजनीतिक तनाव होता है।’’
पांडे ने कहा, ‘‘ बैंक के बाहर और अन्य राजनीतिक क्षेत्रों तथा मीडिया में देशों का एक-दूसरे के प्रति व्यवहार अलग हो सकता है, लेकिन यह बैंक की कार्यप्रणाली में परिलक्षित नहीं होता है।’’
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक और अन्य मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वे मतभेद बैंक की कार्यप्रणाली में परिलक्षित नहीं होते।
एआईआईबी की स्थापना 2016 में की गई थी। इसका मुख्यालय बीजिंग में है। इसने मंगलवार से बृहस्पतिवार तक यहां अपने ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर्स’ की 10वीं वार्षिक बैठक आयोजित की है। इस बैठक में इसके 100 सदस्य देशों के कई शीर्ष अधिकारी भाग ले रहे हैं।
भाषा निहारिका