क्या बुरी खबरें परेशान करती हैं? मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए समाचारों से कैसे जुड़ें
(द कन्वरसेशन) मनीषा वैभव
- 02 Jul 2025, 01:05 PM
- Updated: 01:05 PM
(रेजा शबाहैंग, फ्लाइंडर्स यूनिवर्सिटी)
एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया), दो जुलाई (द कन्वरसेशन) अगर आपको हाल के दिनों में लग रहा है कि समाचारों में नकारात्मकता कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है, तो आप अकेले नहीं हैं। इसके बावजूद, अधिकतर लोग समाचारों से खुद को अलग नहीं कर पाते — और न ही करना चाहते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि समाचारों से जुड़ाव जहां एक ओर दुनिया की घटनाओं को समझने में मदद करता है, वहीं दूसरी ओर इसका मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है।
*** समाचार क्यों कर रहे हैं मानसिक रूप से प्रभावित
हमारा मस्तिष्क सुरक्षा और अस्तित्व को प्राथमिकता देता है और खतरे की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया करता है। बार-बार नकारात्मक समाचार देखने से यह तंत्र सक्रिय हो जाता है, जिसे ‘डूम-स्क्रॉलिंग’ कहा जाता है, और यह मानसिक रूप से थकान पैदा कर सकता है।”
उन्होंने कहा कि असंपादित या असंवेदनशील दृश्य, विशेषकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही त्रासदी की ग्राफिक फुटेज, पारंपरिक मीडिया की तुलना में अधिक मानसिक प्रभाव डालती है।
शोध बताते हैं कि नकारात्मक समाचारों की अधिकता चिंता, अनिश्चितता और असुरक्षा की भावना को बढ़ा सकती है। कुछ मामलों में, यह 'विकेरियस ट्रॉमा' (परोक्ष आघात) का कारण भी बन सकती है, जिसमें व्यक्ति बिना प्रत्यक्ष अनुभव के ही तनाव, अरुचिकर यादों और नींद की समस्या महसूस करता है।
*** नकारात्मक समाचारों से निपटने के तरीके
समाचारों से पूरी तरह दूरी बनाना हमेशा व्यावहारिक नहीं होता। “यदि आपके मित्र या परिवार किसी संकटग्रस्त क्षेत्र में हैं या आप किसी मुद्दे से नैतिक रूप से जुड़े हैं, तो जानकारी जुटाना ज़रूरी लग सकता है।”
नकारात्मक समाचारों से निपटने के लिए ‘माइंडफुल न्यूज़ कंज़म्पशन’ अपनाना उपयोगी हो सकता है। इसके तहत व्यक्ति को समाचार पढ़ते या देखते समय अपनी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं पर ध्यान देना चाहिए।
*** समाचारों को अधिक सजगता से कैसे देखें
विशेषज्ञों ने कुछ सुझाव दिए हैं:
1 * समाचार देखने से पहले कुछ गहरी सांस लें और मानसिक स्थिति को जांचें।
2 * सोचें कि क्या आप इस समय नकारात्मक जानकारी को ग्रहण करने की स्थिति में हैं।
3 * यह सोचें कि आप क्यों समाचार देखना चाहते हैं — उद्देश्य क्या है?
4 * स्रोत की विश्वसनीयता की जांच करें।
5 * खबर देखने के दौरान अपने शरीर की प्रतिक्रियाओं को महसूस करें — तनाव, पसीना या बेचैनी।
6 * खबर देखने के बाद रुकें और सोचें कि उसका क्या असर हुआ।
*** कब सतर्क हो जाएं
यदि आप बार-बार समाचार देखने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं, निराशा, चिड़चिड़ापन, थकान या अनिद्रा जैसी समस्याएं अनुभव कर रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि खबरों का असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
*** क्या करें जब आप परेशान महसूस करें
इस स्थिति में सबसे पहले समाचारों से कुछ समय के लिए दूरी बनाना फायदेमंद हो सकता है — चाहे कुछ मिनटों के लिए या कुछ दिनों के लिए। साथ ही, दोस्तों या परिवार से बात करना, पसंदीदा गतिविधियों में शामिल होना और प्रकृति के बीच समय बिताना राहत पहुंचा सकता है।
अगर यह समस्या जीवन, कार्य या संबंधों को प्रभावित करने लगे तो पेशेवर मदद लेना उचित होता है।
(द कन्वरसेशन) मनीषा