महाराष्ट्र: आकाशीय बिजली गिरने से मारे गए किसानों के आश्रितों को 10-10 लाख रुपये मुआवजे की मांग
सुरभि अमित
- 02 Jul 2025, 03:10 PM
- Updated: 03:10 PM
मुंबई, दो जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने बुधवार को मांग की कि राज्य में आकाशीय बिजली गिरने से मारे गए किसानों के परिवारों को मिलने वाला मुआवजा मौजूदा चार लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाना चाहिए।
इसके जवाब में राज्य के मंत्री गिरीश महाजन ने विधानसभा में कहा कि सरकार मुआवजा बढ़ाने के सुझाव पर विचार करेगी और वह इस मामले पर मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे।
मंत्री के मुताबिक 2022 में आकाशीय बिजली गिरने से 236 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2023 में 181 लोगों की मौत हुई।
वडेट्टीवार ने राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि आकाशीय बिजली गिरने से अक्सर खेतों में काम करने वाले गरीब किसानों और मजदूरों की मौत हो जाती है, जिससे उनके परिवार तबाह हो जाते हैं और उन्हें कोई सहारा नहीं मिलता।
उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल मुआवजे के तौर पर सिर्फ चार लाख रुपये दिए जाते हैं, जो कि काफी कम है। बाघ के हमले में किसी व्यक्ति की मौत होती है तो सरकार 25 लाख रुपये देती है, तो फिर किसी व्यक्ति की आकाशीय बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदा के कारण मौत के मामले में यह भेदभाव क्यों?’’
वडेट्टीवार की मांग पर आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि हाल तक आकाशीय बिजली गिरने से होने वाली मौत राज्य के आपदा राहत ढांचे के अंतर्गत नहीं आती थीं।
महाजन ने आश्वासन दिया, ‘‘अब इसे शामिल कर लिया गया है और सरकार मुआवजा बढ़ाने के सुझाव पर विचार करेगी। मैं इस मामले पर मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा।’’
राज्य भर में मौसम संबंधी घटनाओं में वृद्धि के बीच जलवायु संबंधित मौत के मामले में पर्याप्त मुआवजे का मुद्दा जोर पकड़ रहा है।
महाजन ने सदन को सूचित किया कि आकाशीय बिजली के बारे में लोगों को चेतावनी देने के लिए केंद्र सरकार के एक संस्थान द्वारा विकसित दो मोबाइल ऐप्लिकेशन ‘दामिनी’ और ‘सचेत’ का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 400 मीटर तक की रेंज के साथ हाइपरलोकल अलर्ट प्रदान करने के लिए एक नया ऐप विकसित किया जा रहा है।
विधायक संतोष दानवे के एक सवाल के जवाब में महाजन ने कहा, ‘‘फिलहाल ये ऐप 400 किलोमीटर के दायरे में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी देते हैं। नयी तकनीक का उद्देश्य इस दायरे को और कम करना है ताकि समय पर बेहतर सुरक्षा प्रदान की जा सके।’’
भास्कर जाधव, विजय वडेट्टीवार और समीर कुनावर ने सदन की कार्यवाही के दौरान पूरक प्रश्न पूछे।
भाषा सुरभि