पटोले ने टोल अनुबंध को लेकर अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया
राखी वैभव
- 09 Jul 2025, 07:42 PM
- Updated: 07:42 PM
मुंबई, नौ जुलाई (भाषा) कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने बुधवार को एक निजी टोल प्रबंधन कंपनी को दिए गए ठेके का समय ‘‘अनियमित’’ तरीके से बढ़ाने के मामले में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव समेत वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा।
पटोले द्वारा विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को सौंपे गए इस प्रस्ताव में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अपर मुख्य सचिव और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के प्रबंध निदेशक का भी नाम है। प्रस्ताव में दावा किया गया है कि इस ठेका विस्तार से राज्य को 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
प्रस्ताव में 25 जून, 2025 को पीडब्ल्यूडी द्वारा जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) का उल्लेख किया गया है जिसमें पांच टोल प्लाजा पर हल्के मोटर वाहनों, स्कूल बसों और राज्य परिवहन बसों को दी गई टोल छूट के एवज में एमएसआरडीसी को मुआवजा देने की बात कही गई है।
पटोले ने विधानसभा में अपने बयान में आरोप लगाया कि एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का ठेका अवैध रूप से बढ़ाया गया, जबकि यह कंपनी पहले से ‘ब्लैकलिस्ट’ में थी और इससे राज्य को अनुमानित 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर एक प्रमुख टोल प्रबंधन और अवसंरचना परिचालक कंपनी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ठेका विस्तार का निर्णय वरिष्ठ अधिकारियों और ठेकेदार के साथ मिलीभगत करके और नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया।
सरकारी प्रस्ताव में, सायन-पनवेल (वाशी), एलबीएस रोड (मुलुंड), ईस्टर्न एक्सप्रेसवे (मुलुंड), ऐरोली ब्रिज और वेस्टर्न एक्सप्रेसवे (दहिसर) टोल प्लाजा का उल्लेख है।
पटोले ने मांग की कि टोल वसूली का कार्य निजी कंपनियों को देने के बजाय एमएसआरडीसी को ही दिया जाए।
विपक्षी विधायक ने वर्ष 2010 से 2025 के बीच टोल वसूली और फ्लाईओवर रखरखाव का पूर्ण ऑडिट कराने, मौजूदा ठेका समाप्त करने और नए ठेकेदार की नियुक्ति की मांग की।
पटोले ने यह भी आरोप लगाया कि 14 अक्टूबर, 2024 को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जब टोल मुआवजे का प्रस्ताव रखा गया, तब जानबूझकर भ्रामक जानकारी दी गई।
उन्होंने कैबिनेट नोट में उल्लेखित 910.92 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि के आधार पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस आंकड़े की कोई स्पष्ट व्याख्या या गणना पद्धति नहीं बताई गई, जो मंत्रिमंडल को गुमराह करने जैसा है।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि वह मामले का अध्ययन करेंगे और इसे विशेषाधिकार समिति को भेजे जाने पर निर्णय लेंगे।
भाषा राखी