पंजाब की आप सरकार बेअदबी मुद्दे पर कांग्रेस की तरह राजनीति कर रही : मनजिंदर सिंह सिरसा
राजकुमार अविनाश
- 09 Jul 2025, 08:12 PM
- Updated: 08:12 PM
चंडीगढ़, नौ जुलाई (भाषा) दिल्ली के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को आरोप लगाया कि जिस प्रकार कांग्रेस ने अपने शासनकाल में बेअदबी के मुद्दे पर राजनीति की, उसी तरह पंजाब की आप सरकार इस विषय पर राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने बेअदबी (धार्मिक ग्रंथों को अपवित्र करना) की घटनाओं के दोषियों को सलाखों के पीछे डालने का वादा किया था।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अब वह कह रही है कि वह इस मुद्दे के समाधान के लिए कानून बनाएगी। इससे पता चलता है कि वह पिछले तीन साल में राज्य में बेअदबी की घटनाओं को रोकने में नाकाम रही है।’’
सिरसा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘साढ़े तीन साल बीत चुके हैं और उसने (आप सरकार) अभी तक बेअदबी की घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया है। उसने (आप) पहले दावा किया था कि उसे पता है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है।’’
अमृतसर उत्तर से आप विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह को उसका (आप का) ‘पोस्टर बॉय’ बताते हुए सिरसा ने आरोप लगाया कि उन्हें पंजाब विधानसभा में बेअदबी के मुद्दों पर बोलने नहीं दिया गया।
पिछले महीने, पार्टी विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के कारण कुंवर को आप से पांच साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।
सिरसा ने कहा, ‘‘लोग आप सरकार के शासनकाल में हुई बेअदबी की घटनाओं के लिए जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। भगवंत मान इन साढ़े तीन सालों में कहां थे? ये सब सिर्फ नाटक और ध्यान भटकाने वाली बातें हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साढ़े तीन साल में न तो उन्होंने बेअदबी के खिलाफ कोई कानून बनाया और न ही किसी मादक पदार्थ तस्कर को गिरफ्तार किया।’’
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 28 जून को घोषणा की कि उनकी सरकार बेअदबी के कृत्यों के लिए कड़ी सज़ा का प्रावधान करने के लिए एक कानून लाएगी। मान ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए प्रावधानों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है, लेकिन पवित्र ‘ग्रंथों’ के संबंध में वह चुप है।
मान ने आश्वासन दिया था कि बेअदबी के कृत्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी लोगों को कड़ी सज़ा मिलेगी।
साल 2015 में, बुर्ज जवाहर सिंह वाला गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी सहित कुछ घटनाओं के बाद फरीदकोट में व्यापक प्रदर्शन हुए थे।
इन विरोध प्रदर्शनों के बीच अक्टूबर 2015 में पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी।
राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर आप सरकार पर निशाना साधते हुए सिरसा ने दावा किया कि लोगों को अपराधियों से जबरन वसूली की कॉल आ रही हैं।
उन्होंने डॉक्टर अनिलजीत कंबोज का उदाहरण दिया, जिन्हें हाल में कथित तौर पर जबरन वसूली का फोन आने के बाद गोली मार दी गई थी। सिरसा ने दावा किया कि डॉक्टर ने पहले पुलिस सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं मिली।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस के जवानों को आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल और अन्य पार्टी नेताओं की सुरक्षा में तैनात किया गया है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या दिल्ली के नेताओं को सुरक्षा देना ज़रूरी है जब पंजाब के लोग ख़तरे में हैं?’’
भाषा
राजकुमार