एमसीडी बिजली के खर्चों में कटौती के लिए अपनी 989 इमारतों के ऊपर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगी
धीरज रंजन
- 09 Jul 2025, 08:33 PM
- Updated: 08:33 PM
नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने और बिजली की लागत कम करने के लिए 989 नगरपालिका भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक यह परियोजना राष्ट्रीय तापविद्युत निगम (एनटीपीसी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) के सहयोग से क्रियान्वित की जाएगी।
रेस्को (नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी)मॉडल के तहत, कार्यान्वयन एजेंसी स्थापना, संचालन और रखरखाव की लागत वहन करती है और उसे विद्युत क्रय समझौते (पीपीए) में सहमति के अनुसार उत्पादित सौर ऊर्जा की प्रति यूनिट एक निश्चित शुल्क के माध्यम से समय के साथ प्रतिपूर्ति की जाती है।
नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, नगर निगम ने प्रस्तावित भवनों में 10 से 15 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है। हालांकि, यह एक विस्तृत निवेश-स्तरीय ऊर्जा लेखा परीक्षा के परिणाम पर निर्भर है।
एमसीडी ने वर्तमान में अपनी इमारतों पर कुल 574 सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) संयंत्र स्थापित किए हैं, जिनकी कुल क्षमता 13.25 मेगावाट है। इनमें पूर्ववर्ती दक्षिणी, उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में विभिन्न मॉडलों के तहत स्थापित किए गए संयंत्र शामिल हैं।
अधिकारियों के अनुसार, इन नए संयंत्रों के लिए प्रस्तावित सांकेतिक शुल्क छत की क्षमता के आधार पर 4.25 रुपये से 4.92 रुपये प्रति यूनिट तक है। इसे दिल्ली सरकार के स्वामित्व वाली आईपीजीसीएल (इंद्रप्रस्थ पावर जनरेशन) द्वारा उद्धृत दरों की तुलना में वित्तीय रूप से अधिक व्यवहार्य माना जा रहा है, जिसका प्रस्ताव अब रद्द कर दिया गया है।
इस प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को होने वाली एमसीडी सदन की बैठक के एजेंडे में शामिल किया गया है।
अधिकारियों ने दावा किया कि एमसीडी का प्रस्तावित सौर ऊर्जा संयंत्र न केवल बिजली की लागत कम करने में मदद करेगा, बल्कि देश के व्यापक स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को भी पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि योजना लागू होने के बाद, नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विद्यालयों, कार्यालयों और सामुदायिक सुविधाओं सहित लगभग एक हजार इमारतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे।
भाषा धीरज