शिवसेना विधायक के कैंटीन कर्मचारी को थप्पड़ मारने की घटना को लेकर उद्धव ने शिंदे पर किया कटाक्ष
प्रशांत वैभव
- 09 Jul 2025, 08:43 PM
- Updated: 08:43 PM
मुंबई, नौ जून (भाषा) शिवसेना (उबाठा) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के एक विधायक द्वारा एक कैंटीन कर्मचारी को थप्पड़ मारे जाने की घटना को एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली पार्टी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच कथित मतभेदों से जोड़ने की कोशिश की।
जब पत्रकारों ने शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा यहां विधायक हॉस्टल कैंटीन में ‘बासी’ भोजन परोसने पर एक कर्मचारी को थप्पड़ मारने की घटना पर बुधवार को ठाकरे की प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने रहस्यमय तरीके से जवाब दिया, “क्या यह मुख्यमंत्री को बदनाम करने का प्रयास है? उन्हें सावधान रहना चाहिए।”
व्यापक रूप से प्रसारित एक वीडियो में गायकवाड़ भोजन की गुणवत्ता को लेकर कैंटीन संचालक को डांटते, बिल का भुगतान करने से इनकार करते और आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल के बिलिंग काउंटर पर बैठे कर्मचारी को थप्पड़ मारते हुए नजर आ रहे हैं।
व्यापक निंदा के बावजूद बुलढाणा विधायक ने अपना रुख नहीं बदला और कहा कि उन्हें अपने कृत्य पर कोई पछतावा नहीं है।
इस बीच, ठाकरे ने आंदोलनकारी मिल मजदूरों और गैर-सहायता प्राप्त शिक्षकों को शिवसेना (उबाठा) का समर्थन दिया है। उन्होंने पुनर्विकास परियोजनाओं को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की।
आजाद मैदान में मिल मजदूरों की संयुक्त कार्रवाई समिति द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा, “मिल की जमीन पर टॉवर खड़े कर दिए गए हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में मिल मजदूर बेघर हो गए हैं।”
मुख्यमंत्री के रूप में अपने संक्षिप्त कार्यकाल का उल्लेख करते हुए ठाकरे ने कहा कि वह मिल श्रमिकों को घर दिलाते। उन्होंने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि उन्होंने मराठी समुदाय के लिए पर्याप्त काम नहीं किया।
धारावी पुनर्विकास परियोजना को लेकर भाजपा सरकार पर फिर हमला बोलते हुए ठाकरे ने कहा, “जिस तरह अदाणी समूह को धारावी (पुनर्विकास के लिए) उपहार में दी गई है, मैं मांग करता हूं कि मिल श्रमिकों को धारावी में घर दिए जाएं।”
ठाकरे ने धारावी पुनर्विकास परियोजना का विरोध किया।
उन्होंने गैर-सहायता प्राप्त शिक्षकों के धरना स्थल का दौरा किया और उनकी मांगों के प्रति अपना समर्थन दोहराया। उन्होंने कहा, “मैंने शिक्षकों से वादा किया है कि न्याय की उनकी लड़ाई में हम उनके साथ हैं।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने विधान भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, “अदाणी देवनार डंपिंग ग्राउंड पर टॉवर बना सकते हैं और कोई आपत्ति नहीं उठाई जाएगी। अगर वे वहां टॉवर बनाना चाहते हैं, तो उन्हें बनाने दीजिए।”
ठाकरे ने महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को थोपने के किसी भी प्रयास के प्रति अपना विरोध दोहराया और कहा, “ऐसी भाषा संबंधी बाध्यताएं लागू करने वालों का विरोध किया जाना चाहिए।”
भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने हाल में विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया के बीच प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने के अपने दो आदेश वापस ले लिए।
इस फैसले के बाद ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे, जो मनसे के प्रमुख हैं, 20 साल बाद एक साझा राजनीतिक मंच पर साथ आ गए।
उद्धव ने मीरा-भयंदर क्षेत्र में मराठी न बोलने पर एक दुकानदार पर हुए हमले को अपमानजनक बताया।
उन्होंने पूछा, “आज सुबह ट्रेन में सफर करते हुए, मैंने देखा कि लोगों को धौंस-धमकी सहनी पड़ती है। अगर यह गुस्सा किसी दिन फूट पड़ा तो क्या होगा?”
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