कीमतों में गिरावट से आंध्र प्रदेश के आम किसान परेशान
निहारिका नरेश
- 23 Jul 2025, 01:30 PM
- Updated: 01:30 PM
(टी. मधुसूदन शर्मा)
अमरावती, 23 जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश के आम किसान विभिन्न कारणों से कीमतों में गिरावट और रायलसीमा जिले की प्रमुख नकदी फसल तोतापुरी किस्म की सीमित खरीद के कारण गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं।
इन किसानों ने भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के संरक्षक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) से फलों की खरीद करके उनकी मदद करने की अपील की है।
वित्त वर्ष 2024-25 में बंपर फसल के बावजूद चित्तूर, तिरुपति और अन्नामय्या जिलों के किसान संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि पल्प उद्योग कथित तौर पर कम बाजार मांग और निर्यात चुनौतियों का हवाला देते हुए पर्याप्त मात्रा में खरीदने से इनकार कर रहे हैं।
तिरुपति के आम किसान एम. भानु प्रकाश ने कहा, ‘‘ किसान राजनीतिक उलझनें नहीं चाहते, बल्कि वे अपनी आजीविका की रक्षा और उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए वास्तविक समाधान चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदपा) नीत सरकार द्वारा वादा किए गए चार रुपये प्रति किलोग्राम के समर्थन मूल्य को देने में देरी हो रही है, जिससे परिवहन और श्रम लागत बढ़ने से मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
प्रकाश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ इस साल उत्पादन लगभग 1.5 लाख टन तक पहुँच गया, जबकि पिछले साल यह 90,000 टन था, जिससे ज़रूरत से ज़्यादा आपूर्ति की समस्या पैदा हुई और बाज़ार में माँग कम हुई।
प्रकाश ने एक आम बोर्ड के गठन की मांग करते हुए सवाल उठाया कि आंध्र प्रदेश में उत्पादन के पैमाने और महत्व के बावजूद कोई संगठित ढांचा आम किसानों का समर्थन क्यों नहीं करता।
इस बीच, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा कि केंद्र ने गंभीर बाजार संकट के दौरान आम किसानों की रक्षा के लिए आंध्र प्रदेश के सक्रिय प्रयासों को मान्यता देते हुए बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के तहत 130 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति की।
पेम्मासानी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ मंगलवार को जानकारी दी, ‘‘ राज्य सरकार द्वारा चार रुपये प्रति किलोग्राम की दर से कुल 260 करोड़ रुपये जारी किए गए और एमआईएस के तहत केंद्र से 130 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति की गई है।’’
चित्तूर के एक अन्य आम किसान एस.वी. सुब्बाराव ने बताया कि फसल की खरीद असफल होने तथा बढ़ते कर्ज के कारण उन्हें अपनी 50 एकड़ पैतृक भूमि में से 20 एकड़ भूमि बेचनी पड़ी।
किसानों ने कर्नाटक और तमिलनाडु की तुलना में भेदभाव का आरोप लगाया, जहां सरकारों ने क्रमशः 18 रुपये और पांच रुपये प्रति किलोग्राम तक समर्थन मूल्य की गारंटी दी, जबकि ‘‘ आंध्र प्रदेश का समर्थन मूल्य कम है।’’
किसानों ने सुझाव दिया कि राज्य के मंदिर खासकर टीटीडी, मंदिर की रसोई के लिए आम खरीदकर मदद कर सकते हैं।
प्रकाश ने कहा, ‘‘ टीटीडी रोजाना करोड़ों रुपये कमाता है और हजारों श्रद्धालुओं को खाना खिलाता है। वे आसानी से सीधे किसानों से आम खरीद सकते हैं।’’
इस सत्र में 6.5 लाख टन उत्पादन और घटती मांग के कारण किसानों को बढ़ते कर्ज का डर सता रहा है। उन्होंने इस बार-बार आने वाले संकट को समाप्त करने के लिए स्थायी समाधान की मांग की है।
भाषा निहारिका