ईडी ने मिंत्रा, निदेशकों के खिलाफ 1,654 करोड़ रुपये का फेमा उल्लंघन का मामला दर्ज किया
अनुराग अजय
- 23 Jul 2025, 04:49 PM
- Updated: 04:49 PM
नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट समर्थित ‘फैशन एवं लाइफस्टाइल’ मंच मिंत्रा, संबंधित कंपनियों और निदेशकों के खिलाफ 1,654 करोड़ रुपये से अधिक के एफडीआई ‘उल्लंघन’ में फेमा के तहत मामला दर्ज किया है। वित्तीय अपराध जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
ईडी ने बताया कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की धारा 16(3) के तहत शिकायत दर्ज की गई है। एजेंसी को ‘विश्वसनीय जानकारी’ मिली थी कि ‘मिंत्रा’ ब्रांड नाम वाली मिंत्रा डिजायन्स प्राइवेट लिमिटेड और इसकी संबंधित कंपनियां ‘थोक कैश एंड कैरी’ की आड़ में बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार कर रही हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से संबंधित मौजूदा दिशानिर्देशों का कथित उल्लंघन है।
बेंगलुरु मुख्यालय वाली मिंत्रा, उससे जुड़ी कंपनियों और उसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
मिंत्रा के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि कंपनी “देश के सभी लागू कानूनों को बनाए रखने और अनुपालन और अखंडता के उच्चतम मानकों के साथ काम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने कहा, “यद्यपि हमें अधिकारियों से संबंधित शिकायत और सहायक दस्तावेजों की प्रति नहीं मिली है, फिर भी हम किसी भी समय उनके साथ सहयोग करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”
ईडी ने कहा कि मिंत्रा डिजायन्स प्राइवेट लिमिटेड ने घोषणा की थी कि वह ‘थोक कैश एंड कैरी’ के कारोबार में लगी हुई है और उसने विदेशी निवेशकों से 16,54,35,08,981 रुपये का एफडीआई मांगा और प्राप्त किया।
एजेंसी के अनुसार, कंपनी ने अपना अधिकांश माल वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड को बेचा, जो अंतिम ग्राहक को खुदरा रूप में सामान बेचती थी।
ईडी ने कहा, “वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड और मिंत्रा डिजायन्स प्राइवेट लिमिटेड संबंधित पक्ष हैं और एक ही समूह या कंपनियों के समूह से संबंधित हैं।”
ईडी के निष्कर्षों के अनुसार, वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड को एक कॉरपोरेट इकाई के रूप में ‘बनाया गया और इसका उपयोग जारी रहा’ ताकि बी2सी (मिंत्रा डिजायन्स प्राइवेट लिमिटेड से खुदरा ग्राहक) लेनदेन को बी2बी (मिंत्रा डिजायन्स प्राइवेट लिमिटेड से वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड) और फिर बी2सी (वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड से खुदरा ग्राहक) में विभाजित किया जा सके।
ईडी ने कहा कि इसके अलावा भी मिंत्रा डिजायन्स प्राइवेट लिमिटेड ने ‘थोक कैश एंड कैरी कारोबार’ के लिए निर्धारित शर्त को पूरा नहीं किया है, क्योंकि इसने वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड को शत-प्रतिशत बिक्री की है। यह 01.04.2010 और 01.10.2010 के संशोधनों का उल्लंघन है, जिसके तहत एक ही समूह या समूह की कंपनियों से संबंधित कंपनियों को केवल 25 प्रतिशत बिक्री की अनुमति दी गई थी।
मिंत्रा डिजायन्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य ने फेमा की धारा 6(3)(बी) और 01.04.2010 की एकीकृत एफडीआई नीति और 01.10.2010 की एकीकृत एफडीआई नीति के प्रावधानों के तहत 16,54,35,08,981 रुपये का ‘उल्लंघन’ किया है।
वर्तमान में, देश की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति ई-कॉमर्स के शुरुआती मॉडल में एफडीआई की अनुमति नहीं देती है। इसकी अनुमति केवल उन कंपनियों को है जो मार्केटप्लेस मॉडल के माध्यम से काम कर रही हैं।
भाषा अनुराग