दिल्ली सरकार ने प्रतिभा खोज योजना ‘हौसलों की उड़ान’ को मंजूरी दी
जितेंद्र नेत्रपाल
- 29 Jul 2025, 08:50 PM
- Updated: 08:50 PM
नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) दिल्ली मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ‘हौसलों की उड़ान’ नाम की एक नयी प्रतिभा खोज योजना को मंजूरी दे दी। इस योजना का उद्देश्य गायन, नृत्य और मिट्टी के बर्तन बनाने सहित विभिन्न रचनात्मक क्षेत्रों में प्रतिभाशाली युवाओं की पहचान कर उन्हें तराशना है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई और यह योजना सितंबर से शुरू होगी।
आधिकारिक बयान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में योजना के कार्यान्वयन के लिए पांच करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार है जब सरकार युवाओं को ऐसा मंच प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस योजना का खाका शहर भर के युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है ताकि उन्हें पहचान मिल सके और राष्ट्रीय राजधानी की प्रतिष्ठा बढ़े।
गुप्ता ने बताया कि इस योजना की घोषणा दिल्ली विधानसभा में बजट भाषण के दौरान की गई थी और अब इसे कैबिनेट की मंजूरी के साथ लागू किया जा रहा है।
कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग इस योजना का नोडल विभाग होगा।
इससे पहले, दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा था कि सरकार ‘हौसलों की उड़ान’ योजना शुरू करेगी और इस योजना का उद्देश्य अनधिकृत कॉलोनियों व झुग्गी-झोपड़ियों के युवाओं पर विशेष ध्यान देते हुए प्रतिभाओं की पहचान करना होगा।
उन्होंने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “इस योजना के तहत दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में प्रतिभा खोज प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, जिसके बाद चयनित युवा क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेंगे और फिर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।”
कला एवं संस्कृति मंत्री मिश्रा ने कहा कि इस योजना के तहत गायन, नृत्य, मिट्टी के बर्तन, मूर्तिकला, दृश्य कला, डिजिटल कला और रंगमंच जैसे विविध क्षेत्रों में प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान की जाएगी।
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि राष्ट्रीय राजधानी संगीत, नृत्य, कविता, दृश्य और डिजिटल कला जैसी रचनात्मक क्षमताओं से समृद्ध है हालांकि कई युवाओं को सीमित पहुंच के कारण अपने कौशल को प्रस्तुत करने के अवसर नहीं मिल पाते।
यह योजना विशेष रूप से झुग्गी-झोपड़ियों, बस्तियों और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले युवाओं की प्रतिभा की पहचान व उन्हें उभारने पर केंद्रित होगी।
इस योजना के तहत सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रतिभा खोज कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसके बाद क्षेत्रीय व जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी और अंततः राज्यस्तरीय समापन समारोह में मुख्यमंत्री के नाम से सम्मानित किया जाएगा।
यह योजना गायन, नृत्य, कविता, मूर्तिकला, दृश्य कला, डिजिटल कला और रंगमंच जैसे छह कला रूपों पर केंद्रित होगी।
मिश्रा ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य दिल्ली भर में लगभग 50 लाख युवाओं को जोड़ना है।
यह प्रतिभा खोज कार्यक्रम छह महीने की अवधि में आयोजित किए जाएंगे, जिसमें विजेताओं को नकद पुरस्कार दिए जाएंगे।
सरकार चयनित प्रतिभागियों का मार्गदर्शन व तैयारी करने के लिए देश भर के प्रसिद्ध कलाकारों को भी सलाहकार के रूप में नियुक्त करेगी ताकि बच्चों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान मिल सके।
मंत्री ने कहा, “प्रतियोगिताएं छह महीने की अवधि में आयोजित की जाएंगी और पहला आयोजन सितंबर में होगा। राज्य स्तर पर विजेताओं को पुरस्कार राशि के साथ ‘सीएम कप’ भी प्रदान किया जाएगा। हम प्रतियोगिता के विजेताओं का मार्गदर्शन करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों को शामिल करेंगे।”
उन्होंने कहा कि भारत में संभवतः यह पहली बार है जब सरकार ऐसी कोई योजना शुरू करने जा रही है।
मिश्रा ने कहा, “ऐसी प्रतियोगिताएं निजी संगठनों द्वारा आयोजित की जाती थीं लेकिन देश में यह पहली बार है कि राज्य सरकार ऐसी प्रतियोगिता आयोजित कर रही है।”
भाषा जितेंद्र