दूर-दूर तक सत्ता नजर ना आने पर 'फर्जी पीडीए' की बात कर रही सपा : मौर्य
सलीम अमित
- 13 Aug 2025, 11:10 PM
- Updated: 11:10 PM
लखनऊ, 13 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में रहते हुए कभी दलितों, पिछड़ों को याद न करने वाली सपा अब सत्ता दूर-दूर तक नजर ना आने पर 'फर्जी पीडीए' की बात कर रही है।
उप मुख्यमंत्री ने विधानसभा में ''विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश'' विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए सपा को आड़े हाथ लिया और कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा में चुनाव में उस वक्त प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा को जनता ने भाजपा को प्रचंड सफलता दिलाकर सुधरने का संकेत दिया था, लेकिन उसके नेता नहीं सुधरे।
मौर्य ने कहा, ''कई बार हमारे समाजवादी पार्टी के साथी फर्जी पीडीए की बात करने लगते हैं। वर्ष 2012 से 2017 तक मैं भी इस सदन में था। उस समय कभी पिछड़ों और दलितों की याद सपा को नहीं आई लेकिन जब सत्ता कहीं दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रही है तब वे फर्जी पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) की बात करते हैं।''
उन्होंने कहा, ''पिछड़ों, अगड़ों, दलितों और आदिवासियों का विकास करने के लिए एक समग्र दृष्टि चाहिए और उस दृष्टि का समाजवादी पार्टी के हमारे साथियों के पास अभाव रहता है।''
मौर्य ने कहा, ''यहां बैठे हमारे कई साथियों को वर्ष 2012 से 2017 तक का सपा का कार्यकाल भी याद है। उत्तर प्रदेश किस तरह से अराजकता के दौर से गुजर रहा था। अपराध चरम सीमा पर था। उस समय भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाया जा सका था।''
उन्होंने कहा, ''सपा के लोग सत्ता तो चाहते हैं लेकिन जनता की सेवा नहीं करना चाहते। वर्ष 2012 से 2017 तक सपा को जनता की सेवा करने का अवसर मिला था। उसी दौरान 2014 में लोकसभा का चुनाव हुआ, जिसमें जनता ने संदेश दिया कि आप सही काम नहीं कर रहे हैं। सुधर जाओ, मगर आप नहीं सुधरे।''
उप मुख्यमंत्री मौर्य ने आजादी के बाद से लम्बे समय तक उत्तर प्रदेश के पिछड़े बने रहने पर सवाल उठाते हुए कहा, ''दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विचार करने की जरूरत है कि वह कौन सा कारण है कि उत्तर प्रदेश जैसा सबसे ज्यादा आबादी वाला, सभी प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण राज्य होने के बावजूद हम पीछे रह गए। आज जब हम विधानसभा में विकसित उत्तर प्रदेश के विजन (दृष्टि) को लेकर जो यह 24 घंटे की चर्चा कर रहे हैं, तो सवाल बनता है कि हम तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात सहित देश के कई राज्यों से पीछे क्यों रह गए।''
उन्होंने कहा कि आज देश के बहुत सारे राज्य हैं जो उत्तर प्रदेश से बहुत आगे निकल गये हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले तो उत्तर प्रदेश की और भी ज्यादा दुर्दशा थी। उन्होंने कहा, ‘‘ ‘डबल इंजन’ की भाजपा सरकार की गरीब कल्याणकारी योजनाओं की वजह से और भेदभाव मुक्त विकास करने के कारण आज हम तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं।’’
मौर्य ने दावा किया कि वर्ष 2017 में जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो उस समय उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार 12 लाख 89 हजार करोड़ रुपये का था जो आज बढ़कर 28 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2016-17 में जो प्रति व्यक्ति आय 52 हजार 671 रुपये थी वह 2023—24 के आंकड़े के अनुसार 93 हजार 514 रुपये हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश एक ‘ट्रिलियन डॉलर’ की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
भाषा सलीम