लापता लोगों को तलाशना प्राथमिकता: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
खारी नेत्रपाल
- 16 Aug 2025, 10:32 AM
- Updated: 10:32 AM
चिशोती (जम्मू-कश्मीर), 16 अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बादल फटने से प्रभावित जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा की और कहा कि इस समय प्राथमिकता उन लोगों को तलाशने की है जो अब भी लापता हैं और जिनके मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात के साथ केंद्रीय मंत्री शुक्रवार आधी रात के बाद आपदाग्रस्त गांव चिशोती पहुंचे।
सिंह ने गांव में संवाददताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इतने बड़े स्तर की आपदा शायद इस क्षेत्र में पहले कभी नहीं देखी गई, और यह सभी के लिए चौंकाने वाली है... हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता अब भी लापता लोगों को ढूंढ़ना है।’’
उन्होंने कई लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका जताई। राहत-बचाव कर्मियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि तमाम मुश्किलों के बावजूद वे तुरंत मौके पर पहुंचे और काम में जुट गए।
मंत्री ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह एक असाधारण स्थिति है, जहां प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ खराब मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों जैसी प्राकृतिक बाधाएं भी हैं। उदाहरण के तौर पर, राहत के लिए भेजे गए हेलीकॉप्टर यहां तक नहीं पहुंच पाए हैं।’’
उन्होंने कहा कि दो राहत हेलीकॉप्टर उधमपुर में तैयार खड़े हैं और मौसम में सुधार का इंतजार किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘इसके बावजूद, बचाव कार्यों के लिए सभी उपकरण रातोंरात यहां पहुंचा दिए गए, और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस जीवित बचे लोगों की तलाश कर रही है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुलिस प्रमुख बचाव अभियान की निगरानी के लिए क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) भी सक्रिय है क्योंकि इसके पास मलबा और कीचड़ हटाने के लिए खास उपकरण हैं जो इस काम में मददगार साबित होंगे।
पीड़ितों के लिए राहत पैकेज के बारे में पूछे जाने पर, सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ठोस कदम उठाए हैं, बैठकें बुलाई हैं और शुक्रवार को विस्तृत जानकारी प्राप्त की है। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बात की है।
उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम से बाहर आते ही, सबसे पहले मैं यहां पहुंचा...इससे आप समझ सकते हैं कि मोदी सरकार राहत कार्य को लेकर कितनी प्राथमिकता दे रही है।’’
प्रधानमंत्री मोदी या गृह मंत्री अमित शाह के संभावित दौरे के बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि परिस्थितियां दौरे के लिए बहुत अनुकूल नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी यहां हैं, सभी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘2014 से पहले इस गांव में न तो सड़क संपर्क था, न बिजली, मोबाइल टावर थे और न ही शौचालय की सुविधा। पिछले कुछ वर्षों में ये सब हुआ जिससे मचैल माता के इस मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या अचानक बढ़ गई। लेकिन यह सब कुछ ही सेकंड में तबाह हो गया।’’
यह पूछने जाने पर कि क्या गंभीर रूप से घायल लोगों को विशेष इलाज के लिए जम्मू-कश्मीर से बाहर हवाई मार्ग से ले जाने की कोई योजना है, तो उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही उन लोगों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा देने की पेशकश कर चुकी है जिन्हें जम्मू से बाहर ले जाना जरूरी है।
किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव में बृहस्पतिवार को बादल फटने से यह हादसा हुआ। मचैल माता मंदिर मार्ग में पड़ने वाले चशोती गांव में यह आपदा अपराह्न 12 बजकर 25 मिनट पर हुई। जिस समय हादसा हुआ, उस समय मचैल माता मंदिर यात्रा के लिए वहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र थे। यह यात्रा 25 जुलाई को शुरू हुई थी और पांच सितंबर को समाप्त होनी थी।
अचानक आई बाढ़ के कारण कम से कम 16 आवासीय मकान एवं सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पवन चक्की, 30 मीटर लंबा एक पुल तथा 12 से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
मचैल माता यात्रा शनिवार को लगातार तीसरे दिन स्थगित रही। यह मंदिर 9,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां तक पहुंचने का 8.5 किलोमीटर का रास्ता किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर चशोती से शुरू होता है।
भाषा खारी