झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
पारुल माधव
- 16 Aug 2025, 09:14 PM
- Updated: 09:14 PM
(तस्वीरों के साथ)
जमशेदपुर/रांची, 16 अगस्त (भाषा) झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का शनिवार को जमशेदपुर में हजारों समर्थकों की मौजूदगी में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सोरेन का शुक्रवार को दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। वह 62 साल के थे। उनके सबसे बड़े बेटे सोमेश सोरेन ने ‘रामदास दादा अमर रहे’ के नारों के बीच अपने पैतृक खेत पर उनकी चिता को मुखाग्नि दी।
मंत्री, विधायक और वरिष्ठ नेता पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सोरेन को अंतिम विदाई देने के लिए उनके पैतृक निवास स्थान घोड़ाबांधा में एकत्र हुए।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह हवाई मार्ग से रांची ले आया गया। हवाई अड्डे पर कई नेताओं और समर्थकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके बाद, सोरेन के पार्थिव शरीर को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए विधानसभा परिसर में रखा गया। विधानसभा से पार्थिव शरीर घाटशिला (सोरेन का निर्वाचन क्षेत्र) ले जाया गया।
सोरेन के परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटे और एक बेटी हैं। उनके शव को देखकर उनकी पत्नी सूरजमणि की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो, विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी, संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर, कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, राज्यसभा सदस्य महुआ माझी सहित अन्य नेताओं ने विधानसभा परिसर में सोरेन को श्रद्धांजलि दी।
वहीं, घाटशिला के एचसीएल ग्राउंड में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, रघुबर दास और अर्जुन मुंडा, स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी तथा ग्रामीण विकास मंत्री दीपीकर पांडे सिंह सहित कई अन्य नेताओं ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
राज्यपाल गंगवार ने कहा, “मैं एक हफ्ते पहले अस्पताल में उनसे मिलने गया था। मुझे बताया गया कि उनके मस्तिष्क ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया है। ऐसी स्थिति में उनके ठीक होने की संभावना बहुत कम थी। चिकित्सकों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया।”
गंगवार ने सोरेन के शोकसंतप्त परिजनों से मुलाकात की और उनके प्रति संवेदना जताई।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “रामदास सोरेन जी का असामयिक निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है।”
विधानसभा अध्यक्ष महतो ने सोरेन को एक बहुत ही सरल और लोकप्रिय नेता बताया।
उन्होंने कहा, “रामदास सोरेन पृथक झारखंड आंदोलन के सिपाही और योद्धा थे। बाद में वह विधायक और फिर मंत्री बने। उन्हें स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का प्रभार दिया गया था और वह अच्छा काम कर रहे थे। वह बहुत ही सरल और लोकप्रिय नेता थे। उनका निधन राज्य के लिए बहुत बड़ी क्षति है।”
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मरांडी ने कहा कि सोरेन के निधन से राज्य की राजनीति में गहरा शून्य पैदा हो गया है।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “रामदास सोरेन हमेशा वंचित और पिछड़े समुदायों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे। उनका पूरा राजनीतिक जीवन जनसेवा के लिए समर्पित रहा।”
परिवहन, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुआ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म के लिए रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हैं।
रामदास सोरेन को दो अगस्त को जमशेदपुर में अपने आवास में बाथरूम में गिरने के बाद इलाज के लिए हवाई मार्ग से दिल्ली ले जाया गया था और वहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोरेन की हालत गंभीर थी और उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया था।
झारखंड सरकार ने सोरेन के निधन पर शनिवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
भाषा पारुल