घुसपैठिए भारत की एकता और जनसांख्यिकीय संतुलन के लिए खतरा हैं: प्रधानमंत्री
सुरभि मनीषा
- 31 Oct 2025, 05:00 PM
- Updated: 05:00 PM
(फोटो के साथ)
एकता नगर (गुजरात), 31 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अवैध आव्रजन भारत के कुछ हिस्सों में जनसांख्यिकीय संतुलन को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने घुसपैठियों को देश की ‘‘एकता और अखंडता के लिए बड़ा खतरा’’ बताते हुए उन्हें बाहर निकालने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि घुसपैठियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का विरोध करने वालों को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि कहीं देश फिर से विभाजित तो नहीं हो जाएगा।
राष्ट्रीय एकता दिवस परेड देखने के बाद मोदी ने कहा, ‘‘आज देश की एकता और अखंडता को घुसपैठियों से बड़ा खतरा है।’’
उन्होंने कहा कि दशकों से घुसपैठिए देश में घुसपैठ कर रहे हैं, वे हमारे देश के संसाधनों पर कब्जा कर रहे हैं और उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने जनसांख्यिकीय संतुलन को बिगाड़ा है और देश की एकता को खतरे में डाला है।
मोदी ने आरोप लगाया, ‘‘पिछली सरकारों ने इस बड़े खतरे के प्रति अपनी आंखें बंद कर ली थीं। उन्होंने वोट बैंक की राजनीति के लिए देश की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब पहली बार देश ने इस खतरे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने का फैसला किया है। मैंने लाल किले से (15 अगस्त, 2025 को) जनसांख्यिकी मिशन की घोषणा की थी।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं, लेकिन कुछ लोग देशहित को प्राथमिकता देने के बजाय अपने स्वार्थ के लिए घुसपैठियों को अधिकार दिलाने की राजनीतिक लड़ाई छेड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसका विरोध करने वालों का मानना है कि देश एक बार तो विभाजित हो ही चुका है, अगर भविष्य में यह फिर से बिखरता है तो उन्हें कोई परवाह नहीं है। लेकिन सच्चाई यह है कि जब देश की सुरक्षा और पहचान खतरे में होती है तो हर कोई इससे प्रभावित होता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए इस राष्ट्रीय एकता दिवस पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम भारत से सभी घुसपैठियों को निकाल देंगे।’’
मोदी स्पष्ट रूप से पूर्वी भारत में बांग्लादेशियों और रोहिंग्या की घुसपैठ का उल्लेख कर रहे थे जिसके कारण असम, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में जनसांख्यिकीय असंतुलन को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं।
इस वर्ष अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने जनसांख्यिकी मिशन की घोषणा की जिसका लक्ष्य अवैध आव्रजन और घुसपैठ के कारण भारत के जनसांख्यिकीय असंतुलन के खतरों से निपटना है।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने इस मिशन को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे के रूप में प्रस्तुत किया है और चेतावनी दी है कि विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध प्रवास के कारण जनसांख्यिकीय परिवर्तन सामाजिक सद्भाव, आंतरिक सुरक्षा और भारतीय नागरिकों की आजीविका के लिए खतरा पैदा करते हैं।
भाषा
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