उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में बृहस्पतिवार को भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला
नोमान माधव
- 22 Jan 2025, 09:03 PM
- Updated: 09:03 PM
देहारदून, 22 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड में बृहस्पतिवार को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।
शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए प्रचार मंगलवार शाम पांच बजे समाप्त हो गया और दोनों पार्टियों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी।
मुख्यमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक पुष्कर सिंह धामी ने लगभग तीन सप्ताह लंबे प्रचार अभियान के दौरान राज्य भर में कई जनसभाएं और रोड शो किए और विकास की गति को निर्बाध बनाए रखने के वास्ते "ट्रिपल इंजन" सरकार के लिए वोट मांगे।
उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) अधिनियम और कठोर भूमि कानून लागू करने जैसे नीतिगत कदमों का भी जिक्र किया, जिससे बाहरी लोगों के लिए राज्य में असीमित भूमि खरीदना मुश्किल हो जाएगा।
धामी ने पहाड़ी राज्य के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यापक दृष्टिकोण का भी उल्लेख किया, जिससे पार्टी के समर्थन में मतदाताओं को संगठित किया जा सके।
प्रचार के दौरान उन्होंने सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदमों को रेखांकित किया जिसमें राज्य में सड़क, रेल और हवाई संपर्क को मजबूत करना, भर्ती परीक्षाओं के लिए कठोर नकल विरोधी कानून लागू करना और धर्मांतरण विरोधी कानून लागू करना शामिल था।
नगर निकाय चुनावों से पहले प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी सहित कई नेताओं के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस झटका लगा। हालांकि विपक्षी कांग्रेस ने भी विकास के बारे में भाजपा के बड़े-बड़े दावों का जवाब देकर अपनी संभावनाओं को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और दावा किया कि वास्तव में जमीन पर कुछ भी नहीं हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा, विपक्ष के नेता यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया।
पिछले साल कांग्रेस लगातार तीसरी बार राज्य की सभी पांचों लोकसभा सीटें भाजपा के हाथों हार गई थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को हार का सामना पड़ा था।
हालांकि, कांग्रेस ने जुलाई 2024 में बद्रीनाथ और मंगलौर में विधानसभा उपचुनाव जीतकर कुछ जमीन हासिल कर ली है।
बृहस्पतिवार को 11 नगर निगमों, 43 नगर पालिका परिषदों और 46 नगर पंचायतों सहित 100 शहरी स्थानीय निकायों के लिए चुनाव हो रहे हैं।
मतदान मतपत्र के जरिए होगा और 5,405 उम्मीदवारों चुनावी रण में हैं।
इसमें 11 महापौर पदों के लिए 72 उम्मीदवार, नगर परिषद अध्यक्ष पदों के लिए 445 उम्मीदवार और नगर पार्षद पदों के लिए 4,888 उम्मीदवार मैदान में हैं।
उत्तराखंड राज्य चुनाव आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि 100 स्थानीय निकाय में 1282 वार्ड हैं और कुल 30,29000 मतदाता वोट डालने के पात्र हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में 1,515 मतदान केंद्र और 3,394 मतदान बूथ हैं।
कुमार ने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए कुल 25,800 सुरक्षाकर्मी और 16,284 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है। मतगणना 25 जनवरी को होगी।
भाषा नोमान