राम मंदिर से चिढे लोग कुंभ को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं, उन्हें बिहार माफ नहीं करेगा: मोदी
राजकुमार
- 24 Feb 2025, 09:17 PM
- Updated: 09:17 PM
(तस्वीरों के साथ)
भागलपुर, 24 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद द्वारा महाकुंभ को लेकर की गयी टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए सोमवार को कहा कि राम मंदिर से चिढने वाले लोग महाकुंभ को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं लेकिन ऐसे लोगों को बिहार कभी भी माफ नहीं करेगा।
बिहार के भागलुपर जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 19 वीं किस्त जारी किये जाने को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने अपने संबोधन में प्रसाद पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘राजग सरकार भारत की गौरवशाली विरासत के संरक्षण और वैभवशाली भविष्य के निर्माण के लिए एक साथ काम कर रही है, लेकिन यह जो जंगल राज वाले हैं, इनको हमारी धरोहर से, हमारी आस्था से नफरत है।’’
राजद सुप्रीमो पर अपना प्रहार जारी रखते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ इस समय प्रयागराज में एकता का महाकुंभ चल रहा है। यह भारत की आस्था, एकता और समरसता का सबसे बड़ा महोत्सव है। पूरे यूरोप की जितनी जनसंख्या है, उससे भी ज्यादा लोग अब तक महाकुंभ में डुबकी लगा चुके हैं। बिहार से भी श्रद्धालु महाकुंभ होकर आ रहे हैं लेकिन यह जंगल राज वाले महाकुंभ को ही गाली दे रहे हैं। वे महाकुंभ को लेकर भद्दी-भद्दी बातें कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राम मंदिर से चिढने वाले लोग महाकुंभ को भी कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। मैं जानता हूं कि महाकुंभ को गाली देने वाले ऐसे लोगों को बिहार कभी भी माफ नहीं करेगा।’’
उल्लेखनीय है कि प्रसाद ने हाल में नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की थी और महाकुंभ में भारी भीड़ पर सवाल उठाते हुए कहा था, " अरे यह सब कुंभ का क्या कोई मतलब है, फालतू है कुंभ...।’’
मोदी ने कहा, ‘‘पूर्वोदय से ही विकसित भारत का उदय होगा और हमारा बिहार, पूर्वी भारत का सबसे अहम स्तंभ है। बिहार, भारत के सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। राजद के लंबे कुशासन ने बिहार को बर्बाद किया, बिहार को बदनाम किया लेकिन अब विकसित भारत में बिहार का वही स्थान होगा जो प्राचीन समृद्ध भारत में पाटलिपुत्र का था। हम सभी मिलकर निरंतर प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में आधुनिक कनेक्टिविटी के लिए, सड़कों के नेटवर्क के लिए, जनकल्याण योजनाओं के लिए राजग सरकार प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुंगेर से भागलपुर होते हुए मिर्जा चौकी तक करीब 5000 करोड़ रुपए की लागत से नया राजमार्ग बनाने का काम शुरू हो रहा है तथा भागलपुर से औंसडीहा तक फोरलेन सड़क को चौड़ा करने का काम भी शुरू होने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने विक्रमशिला से कटारिया तक नयी रेल लाइन और रेल पुल को भी स्वीकृति दे दी है।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारा यह भागलपुर संस्कृति और ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण रहा है। विक्रमशिला विश्वविद्यालय के कालखंड में यह वैश्विक ज्ञान का केंद्र हुआ करता था। हम नालंदा विश्वविद्यालय के प्राचीन गौरव को आधुनिक भारत से जोड़ने का काम शुरू कर चुके हैं । नालंदा विश्वविद्यालय के बाद अब विक्रमशीला में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चैधरी जी समेत बिहार सरकार की पूरी टीम को बधाई देता हूं। आप सभी इस परियोजना से जुडी जरूरतों को पूरा करने में तेजी से जुटे हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार को समृद्धि के नए पथ पर ले जाने के लिए हम ऐसे ही मदद करते रहेंगे।’’
देश भर में करीब 10 करोड़ लाभार्थियों को करीब 23,000 करोड़ रुपये वितरित करने वाले प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज जो पीएम किसान सम्मान निधि दी गई है, उसके तहत बिहार के किसानों के खाते में सीधे करीब 1600 करोड रुपए पहुंच चुके हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने लाल किला से कहा था कि भारत के चार मजबूत स्तंभ हैं। ये स्तंभ हैं- गरीब, अन्नदाता किसान, हमारे नौजवान तथा हमारे देश की नारी शक्ति। राजग सरकार चाहे केंद्र में हो या फिर यहां नीतीश जी के नेतृत्व में चल रही सरकार हो, किसान कल्याण हमारी प्राथमिकता में शामिल है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘बीते दशक में हमने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पूरी शक्ति से काम किया है। किसानों को खेती के लिए अच्छे बीज, पर्याप्त और सस्ती खाद, सिंचाई की सुविधा, पशुओं को बीमारी से बचाव चाहिए तथा उन्हें आपदा के समय नुकसान से सुरक्षा चाहिए... पहले इन सभी पहलुओं को लेकर किसान संकट से घिरा रहता था।’’
उन्होंने चारा घोटाला में सजायाफ्ता रहे लालू प्रसाद का नाम लिए बिना उनकी ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वह इन स्थितियों को कभी भी नहीं बदल सकते। राजग सरकार ने स्थिति को बदला है। बीते वर्षों में हमने सैंकडों आधुनिक किस्म की बीज, किसानों को दिए। ’’
मोदी ने कहा, ‘‘पहले यूरिया के लिए किसान लाठी खाता था और यूरिया की कालाबाजारी होती थी। आज किसानों को पर्याप्त खाद मिलती है। हमने तो कोरोना के महासंकट के दौरान भी किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी । आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर राजग सरकार न होती तो क्या होता, हमारे किसान भाई-बहनों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़ती, बरौनी का उर्वरक कारखाना बंद पड़ा होता। दुनिया के कई देशों में खाद की बोरी 3000 रूपये की मिल रही है, लेकिन हम किसानों को वह 300 रुपये से भी कम में देते हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘राजग सरकार न होती तो यूरिया की एक बोरी आपको 3000 रुपये की मिलती। यूरिया और डीएपी के लिए जो पैसा किसानों को खर्च करना था, वह केंद्र सरकार खुद खर्च कर रही है। बीते 10 साल में करीब 12 लाख करोड रुपये जो खाद खरीदने के लिए आपके जेब से जाने थे वह बच गए । वह केंद्र सरकार ने बजट में से दिए हैं ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ राजग सरकार नहीं होती तो आपको पीएम किसान सम्मान निधि भी नहीं मिलती। इस योजना को शुरू हुए करीब छह साल हुए हैं। अभी तक लगभग तीन लाख 70 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं। बीच में कोई बिचैलिया नहीं है, कोई कटौती नहीं होती है। छोटे किसानों को पहले सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता था। उनका हक भी बिचौलिये हड़प लेते थे, लेकिन यह मोदी है, यह नीतीश जी है, जो किसानों का हक किसी को नहीं खाने देंगे । कांग्रेस और जंगलराज वाले जब सरकार में थे, तो इन लोगों ने खेती का कुल जितना बजट रखा था उससे कई गुना ज्यादा पैसा तो हम सीधे आप किसानों के बैंक खातों में भेज चुके हैं । यह काम कोई भ्रष्टाचारी नहीं कर सकता है। यह काम वही सरकार कर सकती है जो किसान कल्याण के लिए समर्पित है ।’’
मोदी ने ‘पीएम फसल बीमा योजना’ जैसी योजनाओं की भी चर्चा की, जिसके तहत फसल बीमा के लिए किसानों को 1.75 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि भूमिहीन और छोटे किसानों की आय को बढाने के लिए सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है तथा गांव में पशुपालन हमारे बहनों को लखपति जीजी बनने में मदद कर रही है, इस तरह देश में अब तक सवा करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं जिनमें बिहार की भी हजारों जीविका दीदियां शामिल हैं।
मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत में दूध उत्पादन 14 करोड़ टन से बढ़कर 24 करोड़ टन हो गया है।
उन्होंने कहा कि मोतिहारी में उत्कृष्टता केंद्र बेहतर देशी मवेशियों की नस्लों को विकसित करने में मदद करेगा, इसके अतिरिक्त, बरौनी में दूध संयंत्र से क्षेत्र के तीन लाख किसानों को लाभ होगा और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बीते वर्षों में सरकार के प्रयासों से भारत का कृषि निर्यात बहुत अधिक बढा है । इससे किसानों को उनकी उपज की ज्यादा कीमत मिलने लगी है। कई कृषि उत्पाद ऐसे हैं जिनका पहली बार निर्यात शुरू हुआ है।अब बारी बिहार के मखाना की है। मखाना आज देश के शहरों में सुबह के नाश्ते का प्रमुख अंग हो चुका है। मैं भी 365 दिन में से 300 दिन तो ऐसे होंगे कि मैं मखाना जरूर खाता हूं। यह सूपर फूड है जिसे अब दुनिया के बाजारों तक पहुंचाना है इसलिए इस वर्ष के बजट में मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया गया । ’’
समारोह स्थल पर पहुंचने पर, प्रधानमंत्री को "मखानों" की एक माला भेंट की गई, जिसके बारे में माना जाता है कि इससे भौतिक और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘बजट में बिहार के किसानों और नौजवानों के लिए एक और बड़ी घोषणा भी की गई है । पूर्वी भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिहार एक बड़े केंद्र के रूप में उभरने वाला है। बिहार में ‘नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फूड टेक्नोलॉजी एंड एंटरप्रेन्योरशिप’ की स्थापना की जाएगी। बिहार में कृषि के क्षेत्र में तीन नए ‘सेंटर सेंटर आफ एक्सीलेंस’ स्थापित किए जाएंगे। इनमें से एक हमारे भागलपुर में ही स्थापित होगा । यह सेंटर आम की जर्दालू किस्म पर ध्यान देगा। दो और केंद्र मुंगेर और बक्सर में बनाए जाएंगे जो टमाटर, प्याज और आलू किसानों को मदद करेंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, "बिहार ने मछली उत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति की है। दस साल पहले बिहार देश के शीर्ष 10 मछली उत्पादक राज्यों में से एक था, लेकिन आज बिहार भारत के शीर्ष पांच मछली उत्पादक राज्यों में से एक बन गया है।’’
उन्होंने कहा कि भागलपुर गंगा डॉल्फ़िन के लिए भी जाना जाता है, जो नमामि गंगे अभियान की एक महत्वपूर्ण सफलता है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश में कपड़ा उद्योग को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भागलपुरी रेशम और टसर रेशम भारत में लोकप्रिय हैं तथा टसर रेशम की मांग अन्य देशों में भी लगातार बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने देश में 10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) स्थापित करने का लक्ष्य रखा था और अब यह लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।
उन्होंने कहा,‘‘बिहार 10,000वें एफपीओ की स्थापना का गवाह बन रहा है। खगड़िया जिले में पंजीकृत यह एफपीओ मक्का, केला और धान पर केंद्रित है।’’
अपने भाषणों में स्थानीय तडका लगाने के लिए मशहूर मोदी ने अपने 40 मिनट के भाषण की शुरुआत अंगिका भाषा में अपना संबोधन शुरू की और भागलपुर के पास प्राचीन शिक्षा केंद्र विक्रमशिला और भगवान शिव को समर्पित अजगैबीनाथ मंदिर का जिक्र करने के साथ कुंभ और बिहार के साथ इसके संबंध का भी उल्लेख किया ।
मोदी ने कहा, ‘‘प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है, ऐसे समय में मंदार पर्वत के करीब यहां होना मेरे लिए गर्व की बात है।’’
बिहार के बांका जिले के समीप स्थित 'मंदार पर्वत' पौराणिक समुद्र मंथन से जुड़ा है, जिससे एक अमृत कलश निकला था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार उसकी बूंदें प्रयागराज, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में गिरी थीं, जहां हर 12 साल में यह धार्मिक समागम होता है।
समारोह में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, गिरिराज सिंह और चिराग पासवान सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
कार्यक्रम को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चैहान समेत अन्य गणमान्य लोगों ने भी संबोधित किया।
भाषा अनवर