फ्रांसीसी कंपनी ने एमएमआरडीए अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया
नोमान अविनाश
- 25 Feb 2025, 08:01 PM
- Updated: 08:01 PM
मुंबई, 25 फरवरी (भाषा) मेट्रो परियोजनाओं को परामर्श सेवाएं प्रदान करने वाली फ्रांसीसी कंपनी ‘सिस्ट्रा’ ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, जबकि बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एमएमआरडीए द्वारा उसकी भारतीय सहायक कंपनी का अनुबंध समाप्त करने संबंधी नोटिस को खारिज कर दिया।
फ्रांसीसी दूतावास ने 12 नवंबर 2024 को दिल्ली में महाराष्ट्र के रेजिडेंट कमिश्नर रूपिंदर सिंह को एक पत्र लिखा, जिसमें सरकार से इस मुद्दे का "गहराई से" अध्ययन करने और "स्थिति को हल करने" का अनुरोध किया गया, जबकि दूतावास ने ‘सिस्ट्रा’ की शिकायत का हवाला देते हुए कहा कि "एमएमआरडीए के साथ परियोजनाओं पर एक सामान्य सलाहकार के रूप में काम करते समय गंभीर उत्पीड़न/चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।"
राज्य सरकार की योजना एवं विकास एजेंसी एमएमआरडीए के वरिष्ठ अधिकारी इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं थे। शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने मांग की कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जांच का आदेश दें।
बहुराष्ट्रीय इंजीनियरिंग कंपनी ने एमएमआरडीए अधिकारियों पर "अनुचित लाभ" लेने, भुगतान में देरी करने, ठेकेदारों को ऑर्डर बढ़ाने के लिए दबाव डालने, प्रमुख कर्मचारियों के अनुमोदन में देरी करने और मनमाने दंड लगाने का आरोप लगाया।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने मंगलवार को कहा कि एमएमआरडीए ने तीन जनवरी 2025 को ‘सिस्ट्रा एमवीए कंसल्टिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड’ की सेवाएं बंद करने के कारण नहीं बताए।
कंपनी को 2021 में मुंबई मेट्रो के तीन मार्गों - ठाणे-भिवंडी-कल्याण, अंधेरी-सीएसआईए और मीरा भायंदर के डिजाइन, खरीद में सहायता, निर्माण, प्रबंधन और पर्यवेक्षण के लिए सामान्य सलाहकार नियुक्त किया गया था।
शुरुआती अनुबंध नवंबर 2024 में समाप्त होना था लेकिन इसे दिसंबर 2026 तक बढ़ा दिया गया था। हालांकि, तीन जनवरी 2025 को एमएमआरडीए ने कंपनी को एक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि उसने कंपनी की सेवाएं बंद करने का फैसला किया है। इसके बाद कंपनी ने उच्च न्यायालय का रुख किया।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि दिसंबर 2026 तक बढ़ाए गए अनुबंध को बिना कोई कारण बताए समाप्त करने में एमएमआरडीए की कार्रवाई मनमानी, अकारण और अनुचित है।’’
अदालत ने कहा, ‘‘अनुबंध की सामान्य शर्तों का यह मतलब नहीं निकाला जा सकता कि एमएमआरडीए को बिना कोई कारण बताए अनुबंध के क्षेत्र में अकारण, मनमाने या अनुचित तरीके से काम करने का लाइसेंस है।’’
अदालत ने नोटिस को खारिज कर दिया और एमएमआरडीए को कंपनी का पक्ष सुनने के बाद फिर से फैसला लेने का निर्देश दिया।
शिवसेना (यूबीटी) नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा - जो प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के प्रमुख हैं। एमएमआरडीए शिंदे के शहरी विकास विभाग के अंतर्गत आता है।
उन्होंने कहा कि सरकार के घोटाले सामने आ रहे हैं और “हम 2022 के मध्य से ही कई मुद्दे उठा रहे हैं। भारत और फ्रांस कूटनीतिक रूप से करीब आ रहे हैं, वहीं एकनाथ शिंदे के शहरी विकास विभाग द्वारा संचालित एमएमआरडीए ने फ्रांसीसी सलाहकार द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार की चिंताओं को खारिज कर दिया है।’’
ठाकरे ने कहा, “ मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस मामले की खुली, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जाए। भ्रष्टाचार के स्रोत का पता लगाएं- भ्रष्ट मंत्री का कौनसा करीबी इसमें संलिप्त है?”
भाषा नोमान