मध्य प्रदेश निवेशक सम्मेलन में रिकॉर्ड 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव
रमण अजय
- 25 Feb 2025, 10:00 PM
- Updated: 10:00 PM
(तस्वीर के साथ)
भोपाल, 25 फरवरी (भाषा) मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेशक सम्मेलन में स्वच्छ ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में रिकॉर्ड 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए निवेशकों के साथ शुरुआती समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल निवेश के बारे में नहीं है, बल्कि विकास के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए विचार-मंथन और आगे का रास्ता तैयार करने के बारे में है।’’
उन्होंने कहा कि निवेश प्रतिबद्धताओं से 21.4 लाख नए रोजगार सृजित होंगे। ये निवेश प्रस्ताव रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
मंगलवार को यहां संपन्न दो दिन के निवेशक शिखर सम्मेलन (इन्वेस्ट मध्यप्रदेश) के दौरान 30.77 लाख करोड़ रुपये में से 26.61 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
अदाणी समूह से लेकर सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी तक कंपनियों ने सौर संयंत्र और पंप पनबिजली परियोजनाओं जैसी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना में 8.62 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। सर्वाधिक 8.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव औद्योगिक विनिर्माण में आये।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में रुचि दिखाने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में जापान की खुदरा कंपनी यूनिक्लो भी शामिल है। कंपनी ने सिलेसिलाए परिधान क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
यादव ने कहा कि शहरी विकास, खनन, ऊर्जा, पर्यटन अन्य क्षेत्र हैं, जिसमें बड़ी निवेश प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुईं।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के भविष्य के एजेंडा पर कहा कि भोपाल में एक नया सम्मेलन केंद्र स्थापित करने पर चर्चा चल रही है जिसका उपयोग भविष्य में सभी बड़े आयोजनों के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने विमानन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के भीतरी इलाकों की यात्रा को व्यावहारिक बनाने के लिए प्रति उड़ान सब्सिडी प्रदान करने का निर्णय लिया है। साथ ही, सरकार ने मध्यप्रदेश में उतरने वाली किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए प्रति उड़ान 10 लाख रुपये की सब्सिडी देने का फैसला किया है।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2003-04 तक राज्य में आर्थिक और औद्योगिक विकास नकारात्मक था और पार्टी के 10 साल के शासन के दौरान ब्रिटिश काल की कंपनियां राज्य छोड़कर चली गईं।
यादव ने कहा कि भाजपा के वापस आने के बाद, उसने इस प्रवृत्ति को पलटने के लिए अथक प्रयास किया है और नए निवेश आकर्षित करने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं।
उन्होंने कहा कि कारोबार सुगमता के लिए राज्य ने अनुमतियों की संख्या काफी घटा दी है और अनुमोदन प्रक्रिया को भी समयबद्ध कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश प्रस्तावों और रोजगार सृजन के लिहाज से वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन मील का पत्थर है। इससे राज्य के औद्योगिक और आर्थिक बदलाव तेज होंगे।
इस निवेशक शिखर सम्मेलन ने व्यापार और निवेश के लिए राज्य की क्षमता को प्रदर्शित करने, इसके रणनीतिक फायदे, आर्थिक अवसरों और औद्योगिक क्षमताओं को उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया है।
इससे पहले, उन्होंने मध्यप्रदेश निवेशक शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में कहा, ‘‘अबतक हमने 30.77 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।’’
शिखर सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य विनिर्माण, बुनियादी ढांचे, कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए मध्य प्रदेश को शीर्ष गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है। और राज्य को बड़ी कंपनियों से निवेश प्रस्ताव भी मिले।
अदाणी समूह, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एनटीपीसी उन कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की प्रतिबद्धताएं जतायी हैं।
अदाणी ने पंप भंडारण, सीमेंट, खनन, स्मार्ट-मीटर और तापीय ऊर्जा में 1.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की, जबकि रिलायंस ने राज्य में जैव ईंधन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई।
एनटीपीसी-एनजीईएल (एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड) और मध्य प्रदेश पावर जेनरेशन कंपनी लि. ने राज्य में 20 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसमें ऊर्जा क्षेत्र में 1,20,000 करोड़ रुपये का निवेश का अनुमान है।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी अवादा ने राज्य में सौर, पवन और पंप भंडारण तथा बैटरी भंडारण परियोजनाओं और सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल विनिर्माण सुविधा विकसित करने में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। टॉरेंट पावर ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 26,500 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई।
सार्वजनिक क्षेत्र की पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और आरईसी ने राज्य में आने वाली परियोजनाओं के लिए क्रमशः 26,800 करोड़ रुपये और 21,000 करोड़ रुपये की ऋण सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश में पर्याप्त जमीन, पानी और प्राकृतिक संसाधन हैं। निवेशक-अनुकूल नीतियों और पर्याप्त बिजली आपूर्ति के साथ, यह निवेश के अवसरों की भूमि है।’’
दो दिन चले सम्मेलन में 5,000 से अधिक ‘बिजनेस-टू-बिजनेस’ (कंपनियों के बीच) बैठकें हुईं जबकि 600 ‘बिजनेस-टू-गवर्नमेंट’ (कंपनियों और सरकारों के बीच) बैठकें आयोजित की गईं।
राज्य सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं और नीतियां पेश की हैं। इनमें कारोबार सुगमता के लिए एक ही जगह सभी प्रकार की मंजूरियां, विनिर्माण, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सब्सिडी और प्रोत्साहन, औद्योगिक गलियारों और अलग से निवेश क्षेत्रों का विकास तथा उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय कार्यबल को कुशल बनाने में निवेश शामिल है।
भोपाल में होने वाला यह पहला निवेशक शिखर सम्मेलन है। इससे पहले सभी निवेशक सम्मेलन इंदौर में हुए थे।
भाषा रमण