ईडी ने ‘अवैध’ इंटरनेट फार्मेसी के खिलाफ पीएमएलए जांच के तहत करोड़ों रुपये की संपत्ति कुर्क की
राजकुमार पवनेश
- 26 Feb 2025, 04:17 PM
- Updated: 04:17 PM
नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने मादक पदार्थ तस्करी से जुड़े एक धनशोधन मामले की जांच के तहत मध्यप्रदेश में करीब आठ करोड़ रुपये के कई भूखंड और बैंक जमाराशि कुर्क की है।
यह कार्रवाई हैदराबाद स्थित एक इकाई के खिलाफ की गई है जो एक ‘‘अवैध’’ ‘इंटरनेट फार्मेसी’ चलाती थी।
ईडी ने एक बयान में कहा कि उसके हैदराबाद कार्यालय ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ‘जेआर इन्फिनिटी प्राइवेट लिमिटेड’, इसके प्रवर्तक आशीष जैन और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क करने का आदेश जारी किया है।
ईडी की जांच स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा आरोपियों के विरूद्ध मई 2022 में दर्ज करायी गयी शिकायत पर आधारित है।
निदेशालय के अनुसार जैन ‘जे आर इन्फिनिटी प्राइवेट लिमिटेड’ के परिसर से एक ‘‘अवैध’’ ‘इंटरनेट फार्मेसी’ चला रहा था और टैबलेट के रूप में अल्प्राजोलम, जोलपिडेम, लोराजेपाम, क्लोनाजेपाम, हाइड्रोकोडोन और ऑक्सीकोडोन जैसे मादक (मन:औषधि) पदार्थों का निर्यात कर रहा था।
ईडी ने दावा किया कि उसने ‘टेलीमार्केटिंग कॉल सेंटर’ सेवाएं और ‘सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (वेबसाइट को सुगम, प्रासंगिक और लोकप्रिय बनाने संबंधी प्रक्रिया)’ सेवाएं प्रदान करने की आड़ में ऐसा किया।
आरोपी या उसके परिवार पर ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों के सिलसिले में प्रतिक्रिया के वास्ते तत्काल संपर्क नहीं हो पाया है।
ईडी ने आरोप लगाया कि जैन ने स्वापक औषधि एवं मनप्रभावी पदार्थ अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए विदेशी ग्राहकों को अवैध रूप से अल्प्राजोलम, ट्रामाडोल, डायजेपाम आदि जैसे साइकोट्रोपिक पदार्थों का निर्यात करने के लिए ‘जेआर इनफिनिटी प्राइवेट लिमिटेड’ का गठन किया और इस तरह ‘अपराध की कमाई’ अर्जित की।
निदेशालय का कहना है कि जांच में पाया गया कि उक्त कंपनी के गठन से पहले ही जैन और उनके परिवार के सदस्यों ने बिना किसी वास्तविक कारोबार के अपने निजी बैंक खातों में 4.50 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त की थी और यह धनराशि विदेशों में दवाओं की ‘अवैध बिक्री‘ के एवज में प्राप्त की गई थी।
ईडी के अनुसार इस अपराध से कुल 12.76 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
जांच एजेंसी ने पाया कि इस धनराशि का उपयोग आशीष जैन तथा उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर सावधि जमा और कई अचल संपत्तियों की खरीद के लिए किया गया।
बयान में कहा गया है कि कुर्क की गई संपत्तियां जैन और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक जमाराशि एवं सावधि जमा (1.46 करोड़ रुपये) तथा मध्यप्रदेश के इंदौर में स्थित भूखंडों के रूप में हैं (जिनकी कीमत 6.52 करोड़ रुपये है) ।
इन परिसंपत्तियों का कुल मूल्य 7.98 करोड़ रुपये है।
भाषा
राजकुमार