मप्र : होली के कार्यक्रम की अनुमति न मिलने पर 150 लोग बंधक बनाए गए, जांच में चार छात्र नेता दोषी
हर्ष नोमान मनीषा
- 26 Feb 2025, 05:50 PM
- Updated: 05:50 PM
इंदौर (मध्यप्रदेश), 26 फरवरी (भाषा) इंदौर के एक प्रतिष्ठित महाविद्यालय में होली के कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिलने पर इस संस्थान की महिला प्राचार्य और प्राध्यापकों समेत 150 लोगों को बंधक बनाए जाने के मामले में चार छात्र नेताओं को प्रशासन ने जांच में दोषी पाया है और उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने प्रशासन की जांच रिपोर्ट के हवाले से बताया, ‘‘विद्यार्थियों ने शासकीय होलकर विज्ञान महाविद्यालय के परिसर में होली उत्सव मनाने के पोस्टर बिना प्राचार्य की अनुमति के, 23 फरवरी को लगाए थे। इन पोस्टर को प्राचार्य के निर्देश पर हटाया गया था।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, पोस्टर हटाए जाने के विरोध में आलेख द्विवेदी, पीयूष, सचिन राजपूत और सना की अगुवाई में किए गए प्रदर्शन के दौरान सोमवार को महाविद्यालय के यशवंत हॉल का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया गया और हॉल की बिजली आपूर्ति भी काट दी गई।
रिपोर्ट में छात्र नेताओं के इस कृत्य को अनुशासनहीनता करार दिया गया है और महाविद्यालय की अनुशासन समिति से चारों छात्र नेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
महाविद्यालय की प्राचार्य अनामिका जैन ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, "हम जल्द ही महाविद्यालय की अनुशासन समिति की बैठक बुलाएंगे और प्रशासन की जांच रिपोर्ट की रोशनी में उचित कदम उठाएंगे।’‘
उन्होंने बताया कि छात्र नेताओं ने महाविद्यालय के यशवंत हॉल का दरवाजा जब बाहर से बंद किया, तब उसमें करीब 150 लोगों की एक बैठक चल रही थी।
जैन ने बताया कि इस बैठक में महाविद्यालय के प्राध्यापकों और अन्य कर्मचारियों के साथ वह खुद भी मौजूद थीं और हॉल में मौजूद लोग विद्यार्थियों के भारी हंगामे के कारण करीब आधे घंटे तक इसमें कैद रहे थे।
महाविद्यालय में "होलकर का होली फेस्ट" नामक कार्यक्रम आगामी सात मार्च को आयोजित किया जाना था। इसमें "लाइव डीजे" और "रेन डांस" का भी इंतजाम था। इस कार्यक्रम को सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली एक कोचिंग क्लास ने प्रायोजित किया था। कार्यक्रम के लिए प्रति व्यक्ति 150 रुपये का शुल्क तय किया गया था।
होलकर विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना इंदौर के तत्कालीन शासक शिवाजी राव होलकर ने 1891 में की थी। इसकी गिनती मध्य भारत के सबसे पुराने विज्ञान महाविद्यालयों में होती है।
भाषा हर्ष नोमान