राजस्थान के अलवर में पुलिस छापेमारी के दौरान शिशु की मौत के मामले में पांच पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
कुंज खारी
- 03 Mar 2025, 11:53 PM
- Updated: 11:53 PM
जयपुर, तीन मार्च (भाषा) राजस्थान के अलवर जिले में पुलिस छापेमारी के दौरान एक माह के शिशु की मौत के मामले में सोमवार को दो हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल को पुलिस लाइन भेज दिया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
पुलिस साइबर धोखाधड़ी के एक मामले में एक आरोपी को पकड़ने के लिए शनिवार को नौगांवा थाना क्षेत्र में एक घर गई थी। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने एक माह की बच्ची अलिस्बा को कुचल दिया, जो अपनी मां के बगल में चारपाई पर सो रही थी।
शिशु की मौके पर ही मौत हो गई। जब बच्चे की मां ने विरोध करने की कोशिश की तो पुलिस ने कथित तौर पर उसे घर से बाहर धकेल दिया। परिवार ने यह भी दावा किया कि छापेमारी के दौरान कोई महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी।
बच्ची की मां रायजादा खान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरी बेटी की हत्या कर दी गई। मुझे न्याय चाहिए। मैं अपनी बेटी के साथ चारपाई पर सो रही थी, तभी पुलिसकर्मियों ने मुझे खींचकर कमरे से बाहर भेज दिया। उन्होंने मेरे पति को भी बाहर खींच लिया। पुलिसकर्मियों ने मेरी बेटी के सिर पर पैर रखा और उसे मार डाला।’’
बच्ची के पिता इमरान ने कहा, ‘‘मेरा किसी भी ऑनलाइन धोखाधड़ी से कोई संबंध नहीं है। पुलिस ने मेरा फोन छीन लिया। वे बिना किसी पूर्व सूचना के आए और मेरी बेटी को मार डाला।’’
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तेजपाल सिंह ने बताया, ‘‘इस मामले में दो हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल को पुलिस लाइन भेज दिया गया है। साइबर अपराध के लिये इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन की लोकेशन पीड़ित के घर पर मिली थी लेकिन मोबाइल वहां नहीं मिला।’’
परिवार ने मामले में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
कथित लापरवाही से नाराज ग्रामीणों ने अलवर पुलिस अधीक्षक के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार को प्रदर्शन खत्म हो गया।
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीका राम जूली ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘राजस्थान में अपराध चरम पर है, प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सरकार का अंकुश नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार में राजस्थान की पहचान अपराध मुक्त की जगह अपराध युक्त प्रदेश के रूप में हो रही है। भाजपा के कार्यकाल में प्रदेश में जंगल राज और माफिया राज आ गया है, इस सरकार में अपराधियों के हौसले इस कदर बढ़ गए हैं कि अपराधी दिनदहाड़े लूट, हत्याएं, चोरी व डकैती जैसे आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे है।’’
भाषा कुंज