पंजाब पुलिस ने एसकेएम नेताओं को हिरासत में लिया, मुख्यमंत्री ने किसान संगठनों को दी चेतावनी
धीरज वैभव
- 04 Mar 2025, 08:35 PM
- Updated: 08:35 PM
लुधियाना/ होशियारपुर, चार मार्च (भाषा) चंडीगढ़ में पांच मार्च को किसानों के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन से पहले मंगलवार को सुबह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कई नेताओं को उनके आवासों पर छापेमारी कर हिरासत में ले लिया गया।
इस बीच, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आंदोलनकारी किसान संगठनों की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने पंजाब को ‘‘धरनों का राज्य’’ बना दिया है और इससे भारी नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने मोहाली के खरड़ तहसील कार्यालय में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने किसान संगठनों से स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें यह गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए कि वह कार्रवाई नहीं कर सकते।
किसान नेताओं और विपक्षी दलों ने पुलिस कार्रवाई के लिए प्रदेश की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की आलोचना की। यह घटना पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और एसकेएम नेताओं के बीच हुई बैठक के एक दिन बाद सामने आई है। उक्त बैठक से मुख्यमंत्री अचानक बाहर चले गए थे।
भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा, ‘‘सरकार ऐसे कदमों से किसानों की आवाज नहीं दबा सकती।’’
मान ने किसान नेताओं के साथ हुई बैठक को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैंने कल उनसे कहा कि आप हर दिन रेल रोको प्रदर्शन करते हैं और सड़कें जाम करते हैं जिससे पंजाब को आर्थिक रूप से भारी नुकसान होता है; पंजाब धरना-प्रदर्शनों का राज्य बनता जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न किसान संगठनों के बीच श्रेय लेने की होड़ मची हुई है जो समानांतर सरकार चलाकर अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
मान ने दोहराया कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन रेल या सड़क बाधित कर आम लोगों को असुविधा की स्थिति में डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
एसकेएम ने एक बयान जारी कर दावा किया कि पुलिस ने बलबीर सिंह राजेवाल, रुल्दू सिंह मनसा, गुरुमीत सिंह भाटीवाल, नछत्तर सिंह जैतों, वीरपाल सिंह ढिल्लों, बिंदर सिंह गोलेवाल, गुरनाम भीखी और हरमेश सिंह ढेसी सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया है।
एसकेएम ने कहा, ‘‘जोगिंदर सिंह उग्राहां, रमिंदर सिंह पटियाला, बूटा सिंह बुर्जगिल, हरिंदर सिंह लाखोवाल, सतनाम सिंह अजनाला, गुरमीत सिंह मेहमा और राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला सहित कई किसान नेताओं के घरों पर पुलिस ने छापेमारी की है।’’
लुधियाना में एसकेएम नेताओं हरजीत सिंह ग्यासपुरा, बलवंत सिंह खिरनिया, अवतार सिंह महलो, मनमोहन सिंह देओल और दिलबाग सिंह को कथित तौर पर हिरासत में लिया गया है।
एसकेएम सदस्यों के मुताबिक पुलिस कार्रवाई की आशंका के मद्देनजर कई किसान नेता भूमिगत हो गए हैं।
लुधियाना के पुलिस उपायुक्त जसकरण सिंह तेजा ने कहा कि छह किसान नेताओं को ‘हिरासत’ में लिया गया है।
इस बीच, किसान नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी में एक सप्ताह तक चलने वाले ‘धरने’ के एसकेएम के आह्वान के तहत चंडीगढ़ की ओर कूच करने की अपील की है।
एसकेएम ने अब निरस्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन का नेतृत्व किया था। वह कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे के केंद्र के मसौदे को वापस लेने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने, राज्य की कृषि नीति को लागू करने और राज्य सरकार द्वारा एमएसपी पर छह फसलों की खरीद की मांग कर रहा है।
लाखोवाल ने दावा किया कि पंजाब पुलिस ने आज सुबह एसकेएम नेताओं के आवासों पर ‘‘छापेमारी’’ की। उन्होंने कहा कि उनके आवास पर भी पुलिसकर्मी तैनात हैं।
लाखोवाल ने किसानों से बड़ी संख्या में चंडीगढ़ पहुंचने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘हम किसानों की विभिन्न मांगों के समर्थन में लड़ रहे हैं। विरोध प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है। हम राज्य सरकार को चेतावनी देते हैं कि वह इस तरह की पुलिस कार्रवाई न करे।’’
होशियारपुर में दोआबा किसान समिति के अध्यक्ष जंगवीर सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि तड़के करीब साढ़े चार बजे उन्हें रसूलपुर गांव स्थित उनके आवास से पुलिस थाने ले जाया गया।
बाद में उनके समर्थक पुलिस स्टेशन पहुंचे और अधिकारियों पर उन्हें रिहा करने का दबाव बनाया। चौहान ने दावा किया कि उन्हें ‘घर में नजरबंद’ कर दिया गया है, और उनके घर के बाहर अभी भी कम से कम तीन पुलिसकर्मी तैनात हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा यातायात अवरुद्ध करने या किसी कार्यालय के काम में बाधा डालने का कोई इरादा नहीं था; यह केवल अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए चंडीगढ़ में एक विरोध प्रदर्शन है। हालांकि, हमें स्थान देने के बजाय, सरकार ने हमारे साथ एक बैठक निर्धारित की।’’
चौहान ने आरोप लगाया, ‘‘बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान बाहर चले गए और इसके बाद किसान नेताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई शुरू की गई। यह बेहद निंदनीय है और स्पष्ट रूप से कल चंडीगढ़ में हमारे नियोजित विरोध प्रदर्शन को दबाने का प्रयास है।’’
एसकेएम नेता रमिंदर सिंह पटियाला ने कहा कि पुलिस ने उनके आवास पर भी ‘छापेमारी’ की। उन्होंने कहा कि लुधियाना में मंगलवार को होने वाली एसकेएम की बैठक स्थगित कर दी गई है।
पटियाला ने कहा कि किसानों ने बुधवार को चंडीगढ़ की ओर कूच करने का संकल्प लिया है। अगर पुलिस उन्हें रोकती है तो उन्हें वहीं बैठ जाना चाहिए।
भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के उपाध्यक्ष मुकेश चंद्र शर्मा ने दावा किया, ‘‘पुलिस ने सुबह चार बजे मेरे आवास पर छापा मारा।’’ उन्होंने पुलिस कार्रवाई की निंदा की।
कई दलों के नेताओं ने किसान नेताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर आप सरकार की निंदा की।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता सुखबीर सिंह बादल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘आज सुबह-सुबह पुलिस ने किसान नेताओं के आवासों पर छापेमारी शुरू कर दी और संयुक्त किसान मोर्चा के पांच मार्च के आंदोलन को विफल करने के एक क्रूर प्रयास के तहत उनमें से कई को हिरासत में ले लिया। इस तरह के तानाशाही वाले तरीके कभी भी अन्नदाता की आवाज को दबा नहीं सकते।’’
उन्होंने कहा,‘‘अकाली दल प्रदर्शनकारी किसानों और उनके मुद्दे के साथ एकजुटता व्यक्त करता है और यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेगा कि उनकी सभी मांगें इस भ्रष्ट और अहंकारी आप सरकार द्वारा स्वीकार की जाएं।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पुलिस कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘किसान अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों को गिरफ्तार करने के बजाय भ्रष्ट मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मैं किसान नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग करता हूं।’’
हालांकि, मान का कहना है कि बातचीत के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं लेकिन आंदोलन के नाम पर जनता को असुविधा और परेशानी से बचाया जाना चाहिए।
भाषा धीरज