अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट, मूंगफली तेल-तिलहन स्थिर
राजेश राजेश अजय
- 04 Mar 2025, 08:41 PM
- Updated: 08:41 PM
नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) देश के प्रमुख तेल-तिलहन बाजारों में मंगलवार को अधिकांश तेल-तिलहन (सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल) के दाम गिरावट दर्शाते बंद हुए। किसानों द्वारा कम दाम पर बिकवाली से बचने के कारण आवक घटने की वजह से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।
मलेशिया एक्सचेंज में भारी गिरावट है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में मामूली सुधार चल रहा है।
सूत्रों ने बताया कि बाजार में सरसों की आवक बढ़ी है। आवक बढ़ने के कारण सरसों तेल-तिलहन के दाम में गिरावट दर्ज हुई। वैसे नेफेड ने भी सरसों की बिकवाली रोक दी है।
उन्होंने बताया कि 12 सितंबर, 2024 को सरकार ने आयातित खाद्य तेलों के शुल्क को बढ़ाया था, उस समय जिस सरसों का दाम आयातित तेलों से अधिक होता था, वह शुल्क बढ़ाये जाने के बाद आयातित तेलों से कम हो गया। सरसों के सस्ता होने से इसकी मांग भी है जिस वजह से नेफेड के पास पिछले तीन साल से जो स्टॉक बचा हुआ था, वह काफी खप चुका है। इस बार सरसों का उत्पादन भी कम है। सहकारी संस्था नेफेड के पास भी बहुत कम मात्रा रह गई है। ऐसे में सरकार यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरसों की फसल की जल्द खरीद शुरू कर दे तो इससे किसानों को भी अच्छे दाम मिल जायेंगे और नेफेड के पास भी आगे के लिए कुछ स्टॉक जमा हो जायेगा।
सूत्रों ने कहा कि कमजोर कारोबार के बीच सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम में भी मामूली गिरावट देखी गई। मजबूत किसान अब एमएसपी से अधिक नीचे दाम पर बेचने के बजाय आगे के लिए सोयाबीन को स्टॉक कर रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि मूंगफली का हाजिर बाजार में दाम एमएसपी से लगभग 20 प्रतिशत कम है। ग्रीष्मकालीन मूंगफली फसल बुवाई के रकबे में लगभग 35 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है। सुस्त कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
उन्होंने कहा कि मूंगफली के ग्रीष्मकालीन खेती के रकबे में कमी चिंताजनक है क्योंकि उत्पादन बढ़ने के बाद भी इसे एमएसपी पर बेचना तो दूर, एमएसपी से लगभग 20 प्रतिशत नीचे दाम पर भी लिवाल कम हैं।
बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में भारी गिरावट की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल में भी गिरावट रही। वैसे भी इन तेलों के दाम इतने अधिक हैं कि इनके लिवाल नहीं हैं।
विदेशी तेलों की गिरावट के अनुरूप बिनौला तेल के दाम भी हानि दर्शाते बंद हुए।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 6,100-6,200 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 5,600-5,925 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,300 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,200-2,500 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,350 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,325-2,425 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,325-2,450 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,650 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,350 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,550 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,450 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,100-4,150 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 3,800-3,850 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश