महाकुंभ मेला केंद्रीय अस्पताल के उपकरण उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भेजे जाएंगे
आनन्द पारुल
- 04 Mar 2025, 08:54 PM
- Updated: 08:54 PM
लखनऊ, चार मार्च (भाषा) प्रयागराज में महाकुंभ मेले के आयोजन के मद्देनजर स्थापित केंद्रीय अस्पताल के चिकित्सा उपकरण उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भेजे जाएंगे, ताकि राज्यभर में मरीजों के लिए उपलब्ध आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं में इजाफा किया जा सके।
एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि प्रयागराज में 10 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान इस केंद्रीय अस्पताल में सात लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया गया।
अधिकारी के मुताबिक, अस्पताल के अत्याधुनिक उपकरणों और मशीनों को जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) के अनुरोध के आधार पर भेजा जाएगा, जिससे कुशल आवंटन सुनिश्चित होगा।
प्रयागराज के सहायक निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के परेड ग्राउंड में 100 बिस्तर वाला केंद्रीय अस्पताल स्थापित किया गया था, जिसमें श्रद्धालुओं को अत्याधुनिक आईसीयू (सघन देखभाल इकाई) के अलावा दंत चिकित्सा, हड्डी और स्त्री एवं शिशु रोग संबंधी सेवाएं उपलब्ध थीं।
उन्होंने कहा, “मेला संपन्न होने के बाद अस्पताल के उपकरणों को प्रदेश के विभिन्न जिलों में पहुंचाने की योजना बनाई गई है। जिलों के सीएमओ अपनी आवश्यकता के अनुसार उपकरणों की मांग करेंगे, जिसके बाद प्रयागराज के आयुक्त के अनुमोदन पर उनकी आपूर्ति की जाएगी।”
महाकुंभ मेले के नोडल चिकित्सा अधिकारी डॉ. गौरव दुबे ने बताया कि मेला क्षेत्र में 100 बिस्तर वाले केंद्रीय अस्पताल के अलावा 25-25 बिस्तर के दो उप अस्पताल, 20-20 बिस्तर के आठ सेक्टर अस्पताल और 20-20 बिस्तर के दो संक्रामक रोग अस्पताल भी स्थापित किए गए थे।
दुबे के अनुसार, मेला क्षेत्र में 10 प्राथमिक उपचार चौकी भी स्थापित की गई थीं। उन्होंने कहा कि इन सभी चिकित्सा इकाइयों में इस्तेमाल उपकरणों को प्रदेश के विभिन्न जिलों में पहुंचाकर वहां के मरीजों को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
एक अधिकारी ने बताया कि महाकुंभ मेला केंद्रीय अस्पताल में 10 बिस्तर वाला एक अत्याधुनिक आईसीयू बनाया गया था, जिसमें मरीजों की स्थिति पर नजर रखने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित कैमरे लगाए गए थे। उन्होंने बताया कि एआई कैमरा युक्त आईसीयू भी अन्य जिलों को उपलब्ध कराया जाएगा।
अधिकारी के मुताबिक, केंद्रीय अस्पताल में चिकित्सकों और मरीजों के बीच बातचीत को आसान बनाने के लिए एक विशेष हाईटेक माइक का इस्तेमाल किया गया था, जो 22 क्षेत्रीय और 19 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं को पलक झपकते ही हिंदी या अंग्रेजी में अनुवाद करने में सक्षम था। उन्होंने बताया कि यह अनूठी तकनीक भी अब प्रदेश के अन्य अस्पतालों में इस्तेमाल की जा सकेगी।
भाषा
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