बेल्जियम और भारत व्यापक रक्षा संधि के लिए हैं आशान्वित
राजकुमार माधव
- 04 Mar 2025, 09:27 PM
- Updated: 09:27 PM
(फोटो के साथ)
नयी दिल्ली,चार मार्च (भाषा) बेल्जियम ने मंगलवार को घोषणा की कि वह भारत के साथ व्यापक रक्षा समझौते करने को लेकर आशान्वित है और समग्र द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों का विस्तार करने के प्रयासों के तहत जल्द ही नयी दिल्ली स्थित अपने दूतावास में एक सैन्य अताशे की नियुक्ति करेगा।
बेल्जियम की राजकुमारी एस्ट्रिड ने विदेश मंत्री मैक्सिम प्रीवोट और रक्षा मंत्री थियो फ्रेंकेन के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के शीघ्र बाद यह घोषणा की गयी।
एस्ट्रिड भारत में एक उच्च स्तरीय आर्थिक मिशन का नेतृत्व कर रही हैं जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश सहयोग को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है।
मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा,‘‘भारत में 300 सदस्यीय आर्थिक मिशन का नेतृत्व करने की उनकी पहल की मैं सराहना करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा, कृषि, जीवन विज्ञान, नवाचार, कौशल और शैक्षणिक आदान-प्रदान में नयी साझेदारी के माध्यम से अपने लोगों के लिए असीमित अवसरों के द्वार खोलने की मैं आशा करता हूं।’’
रक्षा मंत्री फ्रेंकेन ने प्रेसवार्ता में कहा कि भारत-बेल्जियम रक्षा सहयोग का विस्तार करने के लिए अपार अवसर हैं और दोनों पक्ष गहरे संबंधों को सुगम बनाने के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने को लेकर आशावान हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आपके प्रधानमंत्री ने हमें नयी दिल्ली और ब्रसेल्स में कार्यबल बनाने और साल के अंत से पहले समझौते को पूरा करने के लिए कहा है।’’
फ्रेंकेन ने कहा,‘‘मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा कदम होगा क्योंकि हमारे बीच कोई संरचनात्मक सहयोग नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि इस तरह के रूपरेखा समझौते से रक्षा औद्योगिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रेसवार्ता में विदेश मंत्री प्रीवोट के साथ मौजूद फ्रैंकेन ने यह भी कहा कि बेल्जियम जल्द ही नयी दिल्ली स्थित अपने दूतावास में एक रक्षा अताशे की नियुक्ति करेगा, जो भारतीय सेना और रक्षा उद्योग के लिए संपर्क का एकल सूत्र होंगे।
फ्रैंकेन ने कहा, ‘‘दोनों देशों को अपनी रक्षा क्षमताओं का निर्माण करने और अच्छे सैन्य उपकरण बनाने तथा मजबूती से खड़े होने के लिए एक-दूसरे से सीखने की जरूरत है।’’
फ्रेंकेन ने कहा कि बेल्जियम की रक्षा कंपनी ‘जॉन कॉकरिल डिफेंस’ भारतीय सेना की लगभग 300 हल्के टैंकों की खरीद के लिए निविदा में भाग ले रही है।
अपनी टिप्पणी में, प्रीवोट ने अप्रत्यक्ष रूप से नए अमेरिकी प्रशासन की नीतियों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा,‘‘समय बदल रहा है तथा हमें बेल्जियम और भारत जैसे शक्तिशाली लोकतंत्र के बीच संबंधों को और मजबूत करने की आवश्यकता है।’’
प्रीवोट ने कहा कि बेल्जियम पक्ष ने मोदी के साथ अमेरिका और यूक्रेन के बीच की स्थिति के बारे में विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री (मोदी)‘‘यूरोप में हमारे सामने आने वाले मुद्दों’ के बारे में ‘‘यूरोप और बेल्जियम की चिंताओं’’ से अवगत हैं।
उन्होंने कहा,‘‘हम देख रहे हैं कि समय जटिल है, समय बदल रहा है...अमेरिका पहले से ही बेल्जियम का एक मजबूत सहयोगी रहा है और वह बेल्जियम का एक मजबूत सहयोगी बना रहेगा, यह स्पष्ट है।’’
हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि स्थिति अब ‘वही’ नहीं है।
भाषा
राजकुमार