आरएसएस नेता जोशी पर राजद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए: उद्धव
सिम्मी अमित
- 06 Mar 2025, 05:20 PM
- Updated: 05:20 PM
मुंबई, छह मार्च (भाषा) शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मराठी भाषा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता सुरेश भैयाजी जोशी की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए मांग की कि उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने यहां विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए यह भी आरोप लगाया कि जोशी की टिप्पणी मुंबई को विभाजित करने के आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के छिपे हुए एजेंडे को दर्शाती है।
जोशी ने बुधवार को यहां घाटकोपर इलाके में एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘मुंबई में कोई एक भाषा नहीं है। मुंबई के हर हिस्से की अलग-अलग भाषा है। घाटकोपर इलाके की भाषा गुजराती है। इसलिए अगर आप मुंबई में रहते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि आपको मराठी सीखनी पड़े।’’
इस टिप्पणी की विपक्ष द्वारा कड़ी आलोचना किये जाने के बाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि मराठी मुंबई की भाषा है और बाहर से आने वाले एवं अन्य भाषाएं बोलने वालों को भी इसे समझना चाहिए।
जोशी ने कहा, ‘‘मराठी मेरी मातृ भाषा है और मुझे इस पर गर्व है।’’
जोशी ने साथ ही कहा कि घाटकोपर कार्यक्रम में की गई उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से समझा गया।
ठाकरे ने जोशी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘उन्होंने (पिछले कुछ समय से) भारत-पाकिस्तान का मुद्दा नहीं उठाया है, लेकिन यह ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का मुद्दा है। यह सिर्फ मराठी बनाम गैर-मराठी का मुद्दा नहीं है बल्कि मराठा बनाम गैर-मराठा और राज्य पर कब्जा करने का मुद्दा भी है।’’
पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने नारा लगाया था, ‘‘बटेंगे तो कटेंगे।’’
ठाकरे ने जोशी को गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और पश्चिम बंगाल में ऐसे बयान देने और सुरक्षित वापस आने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए कि ‘मराठी मानुष’ सभी का स्वागत करता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी उस पर हमला कर सकता है।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ठाकरे ने कहा, ‘‘भाजपा को मराठी मानुष की कोई परवाह नहीं है क्योंकि उसे पता है कि वह उनके लिए वोट करेगा। यह परपीड़क मानसिकता है जो सामने आ गई है। यह मुंबई को तोड़ने की एक चाल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए। मैंने (मुख्यमंत्री के रूप में) राज्य में मराठी को अनिवार्य बनाने के लिए एक कानून बनाया था। यह (उनकी टिप्पणी) कानून के खिलाफ है।’’
ठाकरे ने जोशी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को या तो जोशी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए या फिर इस ‘‘पाप’’ को स्वीकार करना चाहिए।
उन्होंने इस मुद्दे पर सदन में सरकार के बचाव को भी खारिज कर दिया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा में कहा था कि मराठी मुंबई और महाराष्ट्र की भाषा है तथा यहां रहने वाले हर व्यक्ति को इसे सीखना और बोलना चाहिए।
ठाकरे ने कहा, ‘‘मुंबई एक महानगर है। अगर आप (भाजपा) इसे जीतना चाहते हैं, तो अच्छा काम करके इसे जीतें, न कि जहर फैलाकर।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर भाजपा में शामिल लोगों को अपनी मातृभाषा से प्यार है तो उन्हें इसकी (जोशी की टिप्पणी की) निंदा करनी चाहिए।’’
भाषा सिम्मी