इंडियाएआई कंप्यूट पोर्टल, डेटा मंच एआईकोश की वैष्णव ने की शुरुआत
प्रेम अजय
- 06 Mar 2025, 06:39 PM
- Updated: 06:39 PM
नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को ‘इंडियाएआई कंप्यूट’ पोर्टल और डेटासेट मंच ‘एआईकोश’ जैसी कई पहल की शुरुआत की जिनका उद्देश्य एआई तक पहुंच बढ़ाना और नवाचार को प्रोत्साहन देना है।
‘इंडियाएआई मिशन’ के एक साल पूरे होने के मौके पर वैष्णव ने इन पहल की शुरुआत की।
कंप्यूट पोर्टल से छात्रों, स्टार्टअप, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और सरकारी विभागों को 18,000 से अधिक जीपीयू, क्लाउड स्टोरेज और अन्य एआई सेवाओं तक पहुंच मिलेगी।
इस मंच का उद्देश्य एआई नवाचार के लिए उच्च गुणवत्ता वाले गैर-व्यक्तिगत डेटासेट तक पहुंच को सुव्यवस्थित करना है।
वैष्णव ने इस अवसर पर एआईकोश की भी शुरुआत की जो एक ‘ऑल-इन-वन’ डेटासेट मंच है जो संभावित विचारों को उद्योग समाधानों में बदलने में मदद करने के लिए संसाधन, उपकरण और विशेषज्ञ सलाह प्रदान करता है।
ये डेटासेट मॉडल बिल्डर और डेवलपर के लिए उपलब्ध होंगे, ताकि वे भारत-विशिष्ट एआई मॉडल के साथ काम कर सकें और उन्हें पेश कर सकें।
वैष्णव ने कहा कि कंप्यूट पोर्टल का उपयोग भारत के अपने आधारभूत मॉडल को विकसित करने के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत के अपने आधारभूत मॉडल के लिए तैयारी अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और इसके लिए कुल 67 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने भारत के किफायती चंद्र अभियान का हवाला देते हुए कहा कि आधारभूत एआई मॉडल के लिए भी यही तरीका अपनाया जाएगा और भारत इसे अन्य देशों की तुलना में बहुत कम लागत पर बनाएगा।
वैष्णव ने कहा कि तीन-चार वर्षों में भारत के पास वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाले अपने स्वयं के जीपीयू होने चाहिए। इन जीपीयू का उपयोग करने की लागत ऐतिहासिक रूप से 100 रुपये प्रति घंटे से भी कम है।
इस मौके पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस कृष्णन ने कहा कि कंप्यूट पोर्टल की पेशकश से देशभर में एआई को लागू करने और लागू करने के तरीके में सुधार होगा।
कृष्णन ने कहा, ‘‘एआई कंप्यूट पोर्टल भारत एआई मिशन का सबसे बड़ा घटक है। इस मिशन का लगभग 45 प्रतिशत कोष उस विशेष क्षेत्र के लिए निर्धारित है।’’
इसके अलावा मंत्रालय ने एआई और सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारियों के लिए एक योग्यता ढांचा और इंडिया एआई स्टार्टअप्स ग्लोबल एक्सेलेरेशन कार्यक्रम शुरू किया।
मंत्रालय ने इंडिया एआई फेलोशिप कार्यक्रम के तहत छात्रों को पुरस्कृत भी किया और 30 चयनित एआई अनुप्रयोगों को मान्यता दी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल मार्च में 10,371.92 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से एआई नवाचार को उत्प्रेरित करने वाला एक व्यापक पारिस्थितिकी ढांचा खड़ा करना है।
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