मंत्री अग्रवाल की बर्खास्तगी की मांग को लेकर गैरसैंण में जनाक्रोश रैली निकाली गयी
सं दीप्ति खारी
- 06 Mar 2025, 11:17 PM
- Updated: 11:17 PM
गोपेश्वर, छह मार्च (भाषा) कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल के पहाड़ के लोगों के खिलाफ कथित असंसदीय टिप्पणी के विरोध में उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बृहस्पतिवार को सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतरकर अपना रोष जताया और उन्हें तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।
पहाड़ स्वाभिमान मंच के आह्वान पर आयोजित इस जनाक्रोश रैली में भाग लेने के लिए सुबह से लोग जुटने लगे। रैली में उत्तराखंड के अनेक सामाजिक संगठनों के लोग तथा गैरसैंण क्षेत्र के ढेरों गांवों की महिलाएं भी शामिल हुईं।
इस दौरान महिलाएं और पुरुष ‘‘मैं हूं पहाड़ी’’ लिखी तख्तियां लिये हुए और टोपी पहने नजर आए।
अग्रवाल पुष्कर सिंह धामी सरकार में मंत्री हैं और वित्त एवं संसदीय मामलों जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाल रहे हैं। वे राज्य विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष भी हैं।
हाल ही में, राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अग्रवाल ने कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट द्वारा उन पर की गई टिप्पणी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्होंने राज्य के दर्जे की लड़ाई यह दिन देखने के लिए नहीं लड़ी थी, जब ‘पहाड़ी’ और ‘देसी’ के बीच विभाजन किया जा रहा है।
अग्रवाल और विपक्षी विधायकों के बीच बहस के दौरान मंत्री के मुंह से अपशब्द भी निकल गए थे।
अग्रवाल अपने बयान पर खेद जता चुके हैं और भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने भी उन्हें तलब कर उन्हें सार्वजनिक जीवन में संयम बरतने और उचित शब्दावली का प्रयोग करने की कड़ी हिदायत दी है।
गढ़वाल क्षेत्र के रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी और उत्तरकाशी तथा कुमाऊं क्षेत्र के अल्मोड़ा, बागेश्वर और नैनीताल जिलों से लोग रैली के लिए गैरसैंण में इकट्ठा हुए।
रैली को संबोधित करते हुए अधिकतर वक्ताओं ने एक स्वर में मंत्री की बर्खास्तगी की मांग उठायी।
इस मौके पर मूल निवास तथा भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि एक ओर उत्तराखंड के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई भू कानून व मूल निवास के रूप में लड़ी जा रही है वहीं उत्तराखंड निर्माण के 25 साल बाद अब लोकतंत्र के मंदिर विधानसभा में मंत्रियों द्वारा बाकायदा खुलेआम अपशब्द कहे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अपने स्वाभिमान की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लिया जाएगा।
केदारनाथ विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार त्रिभुवन चौहान ने कहा कि मंत्री विधानसभा में पहाड़ी लोगों को अपशब्द बोल रहे थे और सत्ताधारी पार्टी के विधायक चुप बैठे रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘उनमें से किसी ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।’’
‘लैंड लॉ कमेटी के प्रदेश सदस्य लुशुन टोडरिया ने कहा कि अग्रवाल पहाड़ की जनता के साथ दुर्व्यवहार करते हैं तथा नियमों की धज्जियां उड़ाकर पहाड़ की खूबसूरत घाटियों में आलीशान होटल बनाकर पैसा कमाते हैं।
द्वाराहाट से मौजूदा विधायक मदन बिष्ट ने कहा कि जब मंत्री विधानसभा के अंदर पहाड़ियों को अपशब्द कह रहे थे तो,उन्होंने ही सबसे पहले विरोध दर्ज कराया था और अब यह लड़ाई अंतिम निर्णय तक सड़कों पर लड़ी जाएगी।
द्वाराहाट से पूर्व विधायक एवं उत्तराखंड क्रांति दल के नेता पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा कि उत्तराखंड निर्माण के पीछे की मूल अवधारणा पहाड़ और पहाड़ियों का संरक्षण थी लेकिन अब विधानसभा के अंदर भी पहाड़ियों का सम्मान सुरक्षित नहीं है ।
रैली के संयोजक सुरेश बिष्ट ने कहा कि इस आंदोलन की एक सूत्रीय मांग यह है कि पहाड़ियों को अपशब्द कहने वाले मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाए और ऐसा न होने पर आगे अलग-अलग स्थानों पर आंदोलन किए जाएंगे। उन्होंने रैली में पंहुचे सभी आंदोलनकारियों का आभार भी प्रकट किया।
जनाक्रोश रैली की शुरुआत गैरसैंण के रामलीला मैदान से हुई जहां आंदोलनकारियों ने वीरचंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद ‘उत्तराखंड जिंदाबाद’, ‘पहाड़ी एकता जिंदाबाद’ और ‘गैरसैंण जिंदाबाद’ के नारे लगाए।
गैरसैंण के रामलीला मैदान से तहसील कार्यालय तक रैली निकाली गई जिसके बाद उपजिलाधिकारी अंकित राज के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। तहसील से वापसी पर गैरसैंण तिराहे पर मंत्री अग्रवाल का पुतला फूंका गया और उनके खिलाफ नारेबाजी की गयी।
भाषा सं दीप्ति