पेप्सिको का पांच साल में भारत में अपना राजस्व दोगुना करने का लक्ष्य, दो और संयंत्र खोलने की योजना
अनुराग पाण्डेय
- 09 Mar 2025, 05:05 PM
- Updated: 05:05 PM
नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) पेप्सिको के भारत एवं दक्षिण एशिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जागृत कोटेचा ने कहा है कि कंपनी अगले पांच वर्षों में भारत में अपना राजस्व दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
कंपनी भारत को एक ‘प्रमुख बाजार’ के रूप में देख रही है, जहां वह अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए ‘आक्रामक’ निवेश कर रही है।
कोटेचा ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि भारत पेप्सिको के लिए वैश्विक राजस्व बढ़ाने में ‘वृद्धि का इंजन’ होगा, क्योंकि यह कंपनी के लिए शीर्ष तीन बाजारों में से एक है, जहां वह दहाई अंक की वृद्धि दर्ज कर रही है।
पेप्सिको खाद्य, नाश्ता और पेय उत्पाद पेश करती है।
कोटेचा ने कहा कि पेप्सिको ने उत्तर प्रदेश और असम में नए संयंत्रों में निवेश किया है, जिसका उद्देश्य मांग से आगे रहना है।
उन्होंने कहा कि कंपनी भारत में ‘निवेश से पीछे नहीं हटेगी’ तथा दो और संयंत्र खोलने की योजना बना रही है, जिनमें एक संयंत्र दक्षिणी क्षेत्र में होगा।
कोटेचा ने कहा, “हमारा मानना है कि भारत पेप्सिको के लिए वृद्धि का इंजन होगा और शीर्ष पंक्ति को आगे बढ़ाएगा। हां, यह उत्तरी अमेरिका जितना बड़ा नहीं है क्योंकि यह बहुत अधिक विकसित श्रेणी है।”
वर्तमान में, भारत पेप्सिको के लिए वैश्विक स्तर पर शीर्ष 15 बाजारों में शुमार है। कोटेचा को उम्मीद है कि देश रैंकिंग में ऊपर जाएगा, हालांकि उन्होंने कोई विशिष्ट अनुमान साझा नहीं किया।
न्यूयॉर्क के हैरिसन में स्थित कंपनी के लिए भारत ‘प्रमुख बड़े बाजारों’ में से एक है, जहां इसने 28 वर्षों के अंतराल के बाद 1990 के दशक में पुनः प्रवेश किया था।
कोटेचा के अनुसार, पेप्सिको प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के 2030 के लक्ष्य के अनुरूप है कि भारत तबतक विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा।
पेप्सिको तीन रणनीतिक स्तंभों पर काम कर रही है, जिन्हें वह ‘तेज़, मज़बूत, बेहतर’ कहती है। कंपनी ने स्वाद के आधार पर भारत को नौ समूहों में विभाजित किया है। इसके अलावा, यह टिकाऊ समाधानों और निर्माण क्षमताओं के साथ ग्रह के प्रति जागरूक होना भी सुनिश्चित कर रही है।
भारतीय बाजार में दो अरब डॉलर (करीब 17,000 करोड़ रुपये) का राजस्व हासिल करने की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर कोटेचा ने कहा, “यह एक लक्ष्य है। हमारी वहां पहुंचने की आकांक्षा है। अगर हम भारत के बुनियादी ढांचे के साथ सब कुछ सही कर लें, तो मुझे लगता है कि यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “इसलिए, हम 2023 में (वित्त वर्ष में बदलाव के कारण नौ महीनों के लिए) लगभग 5,950 करोड़ रुपये से अधिक हैं और तब से हम वहां से दहाई अंक में बढ़ रहे हैं। और अगर हम ऐसा करना जारी रखते हैं। इसलिए, हम देख रहे हैं कि उस समय तक हमारी संख्या क्या होनी चाहिए।”
साल 2023 में पेप्सिको ने अपने वैश्विक परिणामों के अनुरूप वित्त वर्ष के रूप में कैलेंडर वर्ष को अपनाया। इसलिए, 2023 में इसने अप्रैल से दिसंबर की अवधि के लिए लगभग 5,950 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया। कुल मिलाकर, पिछले वर्ष के राजस्व के आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही के शेष को जोड़ने के बाद, यह लगभग 8,200 करोड़ रुपये होगा।
इसके अलावा, पेप्सिको के बॉटलिंग साझेदार वरुण बेवरेजेस, जिसे पेप्सिको इंडिया की 90 प्रतिशत पेय पदार्थ बिक्री मात्रा मिलती है, ने 2023 में 12,778.96 करोड़ रुपये का एकल आधार पर राजस्व दर्ज किया था।
पिछले तीन साल में पेप्सिको ने भारतीय बाजार में करीब 3,500-4,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
इसके अलावा, पेप्सिको की बॉटलिंग साझेदार वरुण बेवरेजेज लिमिटेड (वीबीएल) भी काफी निवेश कर रही है।
यह पेय पदार्थ क्षेत्र में माउंटेन ड्यू, 7अप, पेप्सी, और स्टिंग तथा स्पोर्ट्स पेय उत्पाद गेटोरेड जैसे ब्रांड पेश करता है, जबकि जूस में इसके ट्रॉपिकाना और स्लाइस ब्रांड हैं।
कुरकुरे, लेज़, क्वेकर और डोरिटोस भी इसके ब्रांड हैं।
भारतीय पेय पदार्थ बाजार का मूल्य लगभग 12 अरब डॉलर है और यह 10-11 प्रतिशत की सालाना दर के साथ बढ़ रहा है।
भाषा अनुराग