'जीएसटी 2.0' को पूरी तरह सरल बनाना समय की मांग, कम दंडात्मक हो: कांग्रेस
पाण्डेय
- 09 Mar 2025, 05:46 PM
- Updated: 05:46 PM
नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने रविवार को कहा कि जीएसटी में कोई भी बदलाव महज दरों में कमी से कहीं अधिक व्यापक होना चाहिए और वस्तु एवं सेवा कर के अगले चरण (जीएसटी 2.0) को पूरी तरह सरल तथा कम दंडात्मक बनाना चाहिए।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा था कि जीएसटी दरों में और कमी की जाएगी।
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के अपने घोषणापत्र में जीएसटी 2.0 के जरिये एक अच्छे और सरल कर की परिकल्पना की थी।
उन्होंने एक बयान में कहा, ''गेंद अब केंद्र सरकार के पाले में है - क्या वे इस ऐतिहासिक अवसर का लाभ उठाएंगे?''
रमेश ने कहा, ''वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि जीएसटी दरों में जल्द ही कमी की जाएगी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोहराती है कि जीएसटी में कोई भी बदलाव महज दर में कमी से कहीं अधिक व्यापक होना चाहिए।''
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पॉपकॉर्न के लिए कर की तीन दरों वाली व्यवस्था में बुनियादी सुधार किए बिना सिर्फ कारमेल पॉपकॉर्न पर कर घटाना महज दिखावा है। पॉपकॉर्न में चीनी मिलाने से इसे कारमेल पॉपकॉर्न कहते हैं और इस पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।
रमेश ने कहा कि समय की मांग है कि जीएसटी 2.0 को पूरी तरह सरल और कम दंडात्मक बनाया जाए।
उन्होंने कहा, ''जीएसटी 2.0 का पहला लक्ष्य कर स्लैब को सरल बनाना होना चाहिए। पॉपकॉर्न के लिए तीन स्लैब वाली कर व्यवस्था और क्रीम बन तथा सामान्य बन के लिए अलग-अलग कर दरें तो बस एक छोटी सी झलक हैं।''
कांग्रेस नेता ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने स्वीकार किया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में उपकर सहित 100 से अधिक अलग-अलग दरें हैं।
उन्होंने दावा किया, ''इस जटिलता के कारण व्यवसायों और सरकारी नौकरशाही पर अनुपालन का बोझ बढ़ गया है। दरों की अधिकता ने 2.01 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी को बढ़ावा दिया है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में दर्ज 1.01 लाख करोड़ रुपये की कर चोरी से लगभग दोगुना है।''
उन्होंने आगे कहा कि ''अब तक धोखाधड़ी करने वाली 18,000 फर्जी संस्थाओं का पता चला है, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।''
रमेश ने कहा कि मौजूदा जीएसटी की जटिलता अच्छी और सरल कर व्यवस्था लागू करने के लिए सरकार की गंभीरता में कमी को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में जीएसटी के कुल संग्रह में गिरावट का एक प्रमुख कारण अधिक रिफंड रहा है। उन्होंने कहा कि करदाताओं को दिए गए रिफंड में 45.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसका एक बड़ा हिस्सा धोखाधड़ीपूर्ण हो सकता है। जीएसटी प्रणाली की जटिलता के कारण बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की आशंका बनी हुई है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को कई प्रमुख वस्तुओं पर जीएसटी कम करना चाहिए, उदाहरण के लिए पाठ्यपुस्तकों, स्टेशनरी और स्कूल बैग आदि पर जीएसटी लगाया जाता है। कॉलेज द्वारा विश्वविद्यालय को दी जाने वाली संबद्धता फीस और दुरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों पर 18 प्रतिशत कर लगाया जाता है।
रमेश ने कहा कि ये उच्च जीएसटी दरें केंद्र सरकार के कर राजस्व में बढ़ते असंतुलन को दर्शाती हैं, जहां प्रत्यक्ष करों की तुलना में जीएसटी जैसे प्रतिगामी अप्रत्यक्ष करों का अनुपात बढ़ता जा रहा है।
भाषा