मेट्रो संपर्क बढ़ाने के लिए पूर्ववर्ती दिल्ली सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला : केंद्र
मनीषा माधव
- 10 Mar 2025, 01:55 PM
- Updated: 01:55 PM
नयी दिल्ली, दस मार्च (भाषा) दिल्ली की पूर्ववर्ती सरकार पर मेट्रो संपर्क बढ़ाने के लिए अपेक्षित सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद स्थिति नहीं बदली।
उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान आम आदमी पार्टी की स्वाती मालीवाल के पूरक प्रश्न के जवाब में पुरी ने कहा कि दिल्ली की आबादी को देखते हुए यहां परिवहन नेटवर्क एवं अवसंरचना का विस्तार समय की मांग है।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि किसी भी राज्य में परिवहन नेटवर्क एवं अवसंरचना के विस्तार के लिए वहां की सरकार से सहयोग की अपेक्षा होती है और यह जरूरी भी है।
उन्होंने कहा कि वह सात साल से शहरी मामलों और आवासन मंत्री होने के नाते दिल्ली में परिवहन अवसंरचना के लिए, खास कर मेट्रो के लिए जो करना चाहते थे वह नहीं कर पाए क्योंकि दिल्ली की तत्कालीन सरकार से बार बार अनुरोध करने के बाद भी उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।
आप सदस्य स्वाति मालीवाल ने उनसे पूछा था कि क्या दिल्ली की पूर्ववर्ती सरकार ने सीमित मेट्रो संपर्क को बढ़ाने के लिए कोई प्रस्ताव दिया है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग एनसीआर में काम करते हैं और उन्हें रोज मेट्रो से आना जाना होता है।
मालीवाल ने कहा कि मेट्रो संपर्क सीमित है और ट्रेनों में भीड़ बहुत होती है। उन्होंने पूछा कि क्या दिल्ली सरकार ने मेट्रो संपर्क को बढ़ाने, इनके फेरे बढ़ाने और इनकी संख्या बढ़ाने का कोई प्रस्ताव दिया?
पुरी ने अपने जवाब में कहा कि उन्हें बीते बरसों के दौरान तत्कालीन दिल्ली सरकार से इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं मिला। उन्होंने कहा कि दिल्ली राजधानी है और यहां की आबादी लगातार बढ़ रही है।
उन्होंने कहा ‘‘1947 में आठ लाख आबादी थी तब शरणार्थी थे। जब मेरी पिछली पीढ़ी शरणार्थी के तौर पर आई तब यहां की आबादी 22 लाख थी लेकिन आज मुझे लगता है कि यह आबादी दो करोड़ के आसपास होगी। हमें शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए संपर्क बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।
पुरी ने कहा कि यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने हस्तक्षेप करते हुए पूर्ववर्ती दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह रीजनल रैपीड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरपीएस) के कोष पर ध्यान दे, वह (धन) उपलब्ध कराए न कि विज्ञापनों पर ध्यान दे। लेकिन तब की दिल्ली सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए। ’’
उन्होंने कहा कि जहां तक केंद्र सरकार का सवाल है तो राज्य सरकार (हरियाणा सरकार) के सहयोग करने पर उसने गुरुग्राम में 28.5 किलोमीटर मेट्रो प्रणाली की मंजूरी दी वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी सरकार ने गुरुग्राम को जोड़ने वाले एनसीआरसीटी कॉरीडोर परियोजना को तीन साल से रोके रखा।
उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में सरकार बदल गई है और उन्हें लगता है कि अब दिल्ली वासियों को जरूर सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है।
भाषा
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