संभल मस्जिद की बाहरी दीवार की पुताई को लेकर क्या पूर्वाग्रह है : उच्च न्यायालय
राजेंद्र पारुल
- 10 Mar 2025, 07:58 PM
- Updated: 07:58 PM
प्रयागराज, 10 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद की पुताई के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के वकील को विशेष रूप से यह बताने का निर्देश दिया कि मस्जिद की बाहरी दीवार की पुताई को लेकर क्या पूर्वाग्रह है।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने मस्जिद कमेटी की ओर से जताई गई आपत्ति पर यह निर्देश दिया। मस्जिद कमेटी ने मस्जिद की बाहरी दीवार की पुताई कराने का आग्रह किया है, जिस पर एएसआई की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है।
मस्जिद कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने कहा कि एएसआई केवल मस्जिद के भीतर की दीवार के बारे में बात कर रहा है।
अदालत ने संभल के जिलाधिकारी को वर्ष 1927 में प्रशासन और मस्जिद कमेटी के बीच हुए समझौते की मूल प्रति सुनवाई की अगली तिथि 12 मार्च 2025 को पेश करने का निर्देश दिया। इसी समझौते के तहत मस्जिद एएसआई को सौंपी गई थी।
नकवी ने दलील दी, “जवाबी हलफनामे में एएसआई की रिपोर्ट पर की गई आपत्तियों के पैराग्राफ छह, सात और आठ के कथन से कोई इनकार नहीं किया गया है। एएसआई ने अभी तक अपने हलफनामे में यह खुलासा नहीं किया है कि वह विवादित ढांचे के बाहर पुताई और अतिरिक्त लाइट व सजावटी लाइट को लगाने से क्यों मना कर रहा है।”
उन्होंने विवादित स्थल के बाहरी हिस्से के रंगीन फोटोग्राफ भी दिखाए, जिससे पुताई कराने की जरूरत का पता चलता है।
एएसआई के वकील मनोज कुमार सिंह ने कहा, “उस स्मारक के बाहरी हिस्से पर कुछ झड़ता दिखाई देता है, लेकिन अंतिम निर्णय पुरातत्ववेत्ता द्वारा उचित सर्वेक्षण के बाद ही किया जा सकता है। पुताई की कोई जरूरत नहीं है।”
इस पर अदालत ने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट को लेकर दाखिल आपत्ति के पैरा छह और सात का जवाब एएसआई द्वारा अपने जवाबी हलफनामे में नहीं दिया गया है।
अदालत ने आदेश दिया, “आपत्ति के पैराग्राफ सात का जवाब दाखिल किया जाए और बताया जाए कि क्या विवादित ढांचे के बाहर पुताई और अतिरिक्त लाइट व सजावटी लाइट लगाने की जरूरत है या नहीं।”
इससे पहले, 28 मार्च को एएसआई की ओर से सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मस्जिद के भीतर की दीवार पर सेरामिक पेंट किया गया है और वर्तमान में पुताई की कोई जरूरत नहीं है। तब अदालत ने एएसआई को मस्जिद परिसर से धूल और घास की सफाई करने करने का निर्देश दिया था।
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