भारत और ‘ग्लोबल साउथ’ के बीच सेतु है मॉरीशस : प्रधानमंत्री मोदी
शफीक अमित
- 11 Mar 2025, 11:26 PM
- Updated: 11:26 PM
पोर्ट लुइस, 11 मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को मॉरीशस को भारत और ‘ग्लोबल साउथ’ के बीच एक सेतु करार दिया। उन्होंने कहा कि मॉरीशस सिर्फ एक साझेदार देश भर नहीं है, बल्कि भारत के परिवार का हिस्सा है।
मोदी ने पोर्ट लुइस में एक सामुदायिक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए इस दक्षिण-पूर्वी अफ्रीकी द्वीपीय देश को नये संसद भवन के निर्माण सहित विकास में हर प्रकार से सहयोग का आश्वासन दिया।
इस कार्यक्रम में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम, उनकी पत्नी और कैबिनेट मंत्री भी शामिल हुए।
मोदी ने भारत और मॉरीशस के बीच गहरे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों पर जोर दिया तथा हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए उनकी साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मॉरीशस ‘मिनी इंडिया’ की तरह है।”
मोदी ने कहा, “मॉरीशस सिर्फ एक साझेदार देश भर नहीं है। हमारे लिए मॉरीशस परिवार का एक हिस्सा है! यह बंधन इतिहास, विरासत और मानवीय भावना में गहराई और मजबूती से निहित है।”
उन्होंने कहा, ‘‘मॉरीशस भारत को व्यापक ‘ग्लोबल साउथ’ से जोड़ने वाला एक सेतु भी है। एक दशक पहले, 2015 में प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल में मैंने भारत के ‘सागर’ दृष्टिकोण की घोषणा की थी। आज भी मॉरीशस इस दृष्टिकोण के केंद्र में है।’’
‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। वहीं ‘सागर’ का मतलब क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करना है।
मोदी का भाषण हिंद महासागर क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए सहयोगात्मक प्रयास पर भी केंद्रित था।
मॉरीशस के पास विशाल महासागर क्षेत्र होने के मद्देनजर मोदी ने ‘‘अवैध रूप से मछली पकड़ने, समुद्री डकैती और समुद्री अपराधों से निपटने में एक विश्वसनीय सहयोगी’’ के रूप में भारत की भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘एक विश्वसनीय मित्र के रूप में, भारत मॉरीशस के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और हिंद महासागर क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए उसके साथ काम करता है।’’
मोदी ने अपने 30 मिनट के भाषण के दौरान अक्सर भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल किया, क्योंकि इस द्वीपीय देश की 70 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल की है, जो मुख्य रूप से भोजपुरी भाषी हैं।
मोदी ने कहा कि अगर मॉरीशस में कोई भारतीय फिल्म शूट की जाती है तो उसके हिट होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी मैं मॉरीशस आता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं अपने ही लोगों के बीच हूं।’’
इस पर प्रवासी समुदाय के सदस्यों ने तालियां बजाईं।
भाषाई और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘गुजराती में चीनी को ‘मॉरिस’ कहा जाता है, शायद इसलिए क्योंकि हम मॉरीशस से चीनी मंगाते थे। यहां ‘भारत की खुशबू’ है।’’
कार्यक्रम की शुरुआत में मोदी ने रामगुलाम और उनकी पत्नी वीणा को ‘ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई)’ कार्ड प्रदान किए। उन्होंने कहा कि मॉरीशस में रहने वाले भारतीय समुदाय की सातवीं पीढ़ी को भी ओसीआई कार्ड देने का फैसला किया गया है।
मॉरीशस ने मंगलवार को घोषणा की कि मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस सम्मान के लिए मॉरीशस की जनता और सरकार का आभार जताया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस निर्णय को बहुत सम्मान के साथ स्वीकार करता हूं। इसके जरिये सिर्फ मुझे सम्मानित नहीं किया गया है, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक संबंधों को सम्मानित किया गया है।’’
मोदी ने बताया कि भारत में आयोजित महाकुंभ का पवित्र जल मॉरीशस के ‘गंगा तालाब’ में डाला जाएगा, जो भारतीय प्रवासियों के लिए पूजनीय झील है।
बुधवार को मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
भाषा शफीक