मध्यप्रदेश बजट का परिव्यय 15 प्रतिशत बढ़कर 4.21 लाख करोड़ रुपये हुआ, कोई नया कर नहीं
राजकुमार अनुराग
- 12 Mar 2025, 05:10 PM
- Updated: 05:10 PM
(तस्वीर के साथ)
भोपाल, 12 मार्च (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार को 2025-26 के लिए 4.21 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें कोई नया कर नहीं है, जबकि धार्मिक स्थलों के विकास के लिए नई योजनाओं की घोषणा की गई है।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने यहां विधानसभा में 4,21,032 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है।
देवड़ा ने कहा, “बजट ज्ञान (गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी) पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में राज्य के बजट का आकार दोगुना करना, पूंजी निवेश बढ़ाना, सड़क, सिंचाई और बिजली सुविधाओं का विस्तार करना, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए निवेश आकर्षित करना और रोजगार सृजन करना है।”
बजट में 2025-26 में 618 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष का अनुमान है।
वित्त मंत्री ने बताया कि अनुमानित राजस्व प्राप्तियां 2,90,879 करोड़ रुपये हैं, जिसमें राज्य का अपना कर राजस्व 1,09,157 करोड़ रुपये, केंद्रीय करों में इसकी हिस्सेदारी 1,11,662 करोड़ रुपये, गैर-कर राजस्व 21,399 करोड़ रुपये और केंद्र से प्राप्त अनुदान 48,661 करोड़ रुपये शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए, 2024-25 के अनुमानों की तुलना में राज्य के अपने कर राजस्व में सात प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
पूंजीगत व्यय में 31 प्रतिशत की वृद्धि की योजना बनाई गई है।
अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए 47,296 करोड़ रुपये (23.5 प्रतिशत वृद्धि) और अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए 32,633 करोड़ रुपये (16.2 प्रतिशत वृद्धि) आवंटित किए गए।
वर्ष 2025-26 में पूंजीगत व्यय सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 5.02 प्रतिशत रहने का अनुमान है तथा ब्याज भुगतान कुल राजस्व प्राप्तियों का 9.84 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
विपक्षी सदस्यों के मामूली हस्तक्षेप के बीच मंत्री ने कहा कि राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.66 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के भत्ते एक अप्रैल, 2025 से सातवें वेतन आयोग के अनुसार संशोधित किए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि उज्जैन के महाकाल लोक गलियारे की तर्ज पर ओंकारेश्वर में ‘ओंकारेश्वर महालोक’ विकसित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अद्वैत वेदांत दर्शन के संस्थापक आचार्य शंकर के जीवन दर्शन का प्रचार-प्रसार करने के लिए एक संग्रहालय तथा आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान विकसित किया जा रहा है। 'वेदांत पीठ' की स्थापना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के लिए 18,669 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत पात्र महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा कि यह उन दावों को झूठा साबित करता है कि ऐसी योजनाओं को खत्म कर दिया जाएगा।
राज्य के उपमुख्यमंत्री देवड़ा ने श्रीकृष्ण पाथेय योजना के लिए 10 करोड़ रुपये के प्रावधान की भी घोषणा की।
इससे पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा था कि इस योजना के तहत भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े धार्मिक स्थलों का विकास किया जाएगा। इसी तरह, 'राम पथ गमन' और चित्रकूट शहर के विकास के लिए 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
साल 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले के मद्देनजर बजट में 2,005 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
मंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटन के विकास से न केवल आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिला है, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक मामलों के लिए 1,610 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 133 करोड़ रुपये अधिक है।
मंत्री ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों, साहित्य, वैज्ञानिक अनुसंधान के अध्ययन को सुगम बनाने तथा आम जनता में अध्ययन के प्रति घटती रुचि को सुधारने के लिए सभी शहरी निकायों में अत्याधुनिक 'गीता भवन' अध्ययन केंद्र बनाए जाएंगे। बजट में इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।
इसके अलावा, सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थ यात्रा की सुविधा प्रदान करने वाली योजना के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। देवड़ा ने कहा कि इस योजना के शुरू होने के बाद से आठ लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग नागरिकों को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जा रही है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगभग 507 करोड़ रुपये की लागत से धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के 14 स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है।
मंत्री ने यह भी कहा कि मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए 850 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य में वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2025 के सफल आयोजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निवेश आकर्षित करने और कारोबारी सुगमता के उद्देश्य से 18 नई नीतियों का अनावरण किया।
उन्होंने कहा कि उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए बजट में 3,250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 551 करोड़ रुपये अधिक है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने पहले ही 2025-26 को उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है।
भाषा राजकुमार