यदि दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई गई तो कोकाटे ‘पूर्वाग्रह’ से पीड़ित होंगे: अदालत
शफीक अविनाश
- 13 Mar 2025, 09:20 PM
- Updated: 09:20 PM
मुंबई, 13 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र की एक अदालत ने कहा है कि यदि 1995 के धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में राज्य के मंत्री माणिकराव कोकाटे की दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई गई तो वह ‘‘पूर्वाग्रह’’ का शिकार होंगे।
अदालत ने कहा कि दोषसिद्धि के कारण कोकाटे के पद से अयोग्य होने पर उपचुनाव करना पड़ेगा, जिसके लिए ‘‘बड़ी मात्रा में सार्वजनिक धन’’ की आवश्यकता होगी।
नासिक की एक अदालत ने पांच मार्च के अपने आदेश में कहा कि मतदाताओं ने उनमें (कोकाटे) विश्वास जताया और उन्हें अपना विधायक चुना। साथ ही अदालत ने कहा कि अयोग्य ठहराए जाने की स्थिति में उन्हें ‘‘अभूतपूर्व स्थिति’’ का सामना करना पड़ेगा।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से ताल्लुक रखने वाले कोकाटे नासिक जिले के सिन्नर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
नासिक जिले की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 20 फरवरी को राकांपा नेता और उनके भाई सुनील कोकाटे को दोषी ठहराया था और सरकारी कोटे के तहत फ्लैट पाने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने से संबंधित मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। दोनों ने सजा के खिलाफ सत्र न्यायालय में अपील दायर की थी।
कोकाटे बंधुओं को बड़ी राहत देते हुए जिला न्यायाधीश (प्रथम) और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (नासिक) एन वी जीवने ने पांच मार्च को उनकी अपील पर आदेश आने तक सजा पर रोक लगा दी।
बृहस्पतिवार को उपलब्ध कराए गए आदेश में अदालत ने कहा कि चूंकि कोकाटे विधायक हैं, इसलिए उनकी दोषसिद्धि और दो साल की जेल की सजा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के प्रावधान के तहत आती है।
उक्त प्रावधान के अनुसार, वह दोषसिद्धि की तारीख से पद से अयोग्य हो जाएंगे, जो उनकी रिहाई से छह वर्ष की अवधि तक जारी रहेगा। इसलिए, ऐसी स्थिति से खुद को बचाने के लिए कोकाटे ने अपनी अपील पर निर्णय होने तक अपनी सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया।
मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए सत्र न्यायाधीश ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इस बात को महसूस किया कि यदि दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई गई तो ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी, जिससे पीछे नहीं लौटा जा सकता।
अदालत ने कहा कि इस मामले में भी अगर सजा पर रोक नहीं लगाई गई तो कोकाटे महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्यता और कैबिनेट मंत्री के रूप में अपना पद खो देंगे। आदेश में कहा गया है कि अगर भविष्य में कोकाटे की (मुख्य) अपील पर उनके पक्ष में फैसला आता है तो भी पुरानी स्थिति को बहाल नहीं किया जा सकता।
भाषा शफीक