2,000 करोड़ रु के कक्षा घोटाले में सिसौदिया और जैन के खिलाफ प्राथमिकी को राष्ट्रपति की मंजूरी
प्रशांत नरेश
- 13 Mar 2025, 10:19 PM
- Updated: 10:19 PM
नयी दिल्ली, 13 मार्च (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में 2000 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में आप नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने 2022 में कथित घोटाले की जांच की सिफारिश की थी और मुख्य सचिव को एक रिपोर्ट सौंपी थी।
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में सिसोदिया और जैन के मंत्री रहने के दौरान हुए कथित घोटाले के संबंध में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने 17 फरवरी, 2020 की एक रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा दिल्ली सरकार के स्कूलों में 2,400 से अधिक कक्षाओं के निर्माण में “घोर अनियमितताओं” को उजागर किया था।
राष्ट्रपति की मंजूरी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत मिली, जो “सरकारी कार्यों या कर्तव्यों के निर्वहन में लोक सेवक द्वारा की गई सिफारिशों या लिए गए निर्णय से संबंधित अपराधों की जांच या अन्वेषण” से संबंधित है।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरिष्ठ आप नेता सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया।
पूर्व मंत्री ने एक बयान में कहा कि भाजपा को दिल्ली के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, न ही उसका ऐसा करने का कोई इरादा है। उसका एकमात्र एजेंडा लोगों की आवाज दबाने के लिए अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ अभियान चलाना है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पहले ही पार्टी के हर राजनीतिक विरोधी पर मुकदमा चलाने और मामले को आगे बढ़ाने के लिए मंजूरी देने का फैसला कर लिया है, लेकिन उसे न्यायिक प्रक्रिया शुरू होने तक इंतजार करना चाहिए।
जुलाई 2019 में, भाजपा नेता हरीश खुराना और तत्कालीन आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा, जो अब दिल्ली सरकार में मंत्री हैं, ने कथित घोटाले के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में कक्षाओं और स्कूल भवनों के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है। यह कार्य दिल्ली सरकार द्वारा अत्यधिक बढ़ी हुई लागत पर किया गया था।
कथित घोटाला लगभग 12,748 कक्षाओं के निर्माण से जुड़ा है।
एसीबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कक्षाओं और स्कूल भवनों के निर्माण पर कुल 2,892.65 करोड़ रुपये खर्च हुए। इनका निर्माण कथित तौर पर 8,800 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से किया गया था, जबकि यह सर्वविदित है कि औसत निर्माण लागत (यहां तक कि फ्लैटों के निर्माता के लिए भी) लगभग 1,500 रुपये प्रति वर्ग फुट थी।
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