धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों का विस्तृत मंच बनाने की जरूरत : करात
धीरज माधव
- 15 Mar 2025, 04:57 PM
- Updated: 04:57 PM
(अंजलि ओझा)
नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने कहा है कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन का गठन लोकसभा चुनावों के लिए किया गया था, न कि राज्य चुनावों के लिए। उन्होंने धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों के एक व्यापक मंच का आह्वान किया।
करात ने यह भी कहा कि गठबंधन को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए ताकि यह केवल चुनावी राजनीति से प्रभावित न हो।
लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन बनाया था।
माकपा के अंतरिम समन्वयक करात ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि घटक दलों के राज्यों में अपने-अपने समीकरण हैं।
करात ने कहा, ‘‘यह सच है कि ‘इंडिया’ गठबंधन के गठन और सभी में नहीं तो कुछ राज्यों में इसके घटकों के बीच सहयोग के कारण निश्चित रूप से भाजपा को लोकसभा में अपना बहुमत खोना पड़ा...।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद विधानसभा चुनाव हुए और मुझे लगता है कि विपक्ष के लिए सबसे बड़ा झटका महाराष्ट्र में लगा है, जहां महा विकास आघाडी (एमवीए)ने लोकसभा चुनाव में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और भाजपा गठबंधन अल्पमत में आ गया। लेकिन विधानसभा चुनाव में इसका उल्टा हुआ।’’
वरिष्ठ माकपा नेता ने यह भी कहा कि वे किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं, क्योंकि झारखंड में विपक्षी गठबंधन ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।
करात ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं, क्योंकि राज्यों में स्थिति काफी हद तक अलग-अलग है। उदाहरण के लिए, झारखंड में गठबंधन जिसमें अधिकतर दल ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक हैं - भाजपा को हराने में सफल रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन विधानसभा चुनावों के बाद आम धारणा यह है कि भाजपा ने इन चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। लेकिन मेरा मानना है कि इसे सीधे तौर पर ‘इंडिया’ गठबंधन के भाग्य से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि इसका गठन मुख्य रूप से लोकसभा चुनावों का सामना करने के लिए ही स्थापित किया गया था।’’
वामपंथी नेता ने कहा कि इस बात पर कोई चर्चा नहीं हुई है कि लोकसभा के बाद गठबंधन किस तरह आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि एक व्यापक विपक्षी मंच या धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों के बीच एकता की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि लोकसभा के बाद के चरण में आगे कैसे बढ़ना है, इस पर कोई चर्चा या विचार नहीं किया गया है। एक व्यापक विपक्षी मंच या धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों की एकता की आवश्यकता है। लेकिन यह (इंडिया गठबंधन) उस समय किसी विशेष राज्य के चुनावों के लिए नहीं था। इसलिए, मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में आप एक व्यापक विपक्षी एकता या मंच के साथ कैसे आगे बढ़ेंगे, इस पर सभी घटकों द्वारा विचार किया जाना चाहिए, चर्चा की जानी चाहिए और फिर इसे कोई आकार दिया जाना चाहिए।’’
करात ने कहा कि बिहार और तमिलनाडु जैसे राज्यों में गठबंधन पहले से ही हो चुका है। इसके विपरीत, पश्चिम बंगाल में माकपा के तृणमूल कांग्रेस के साथ आने की उम्मीद नहीं की जा सकती थी और दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप)और कांग्रेस के हाथ मिलाने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती थी।
भाषा धीरज