तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने बंगाल चुनाव में निर्वाचन आयोग की भूमिका पर उठाया सवाल
धीरज माधव
- 15 Mar 2025, 09:20 PM
- Updated: 09:20 PM
कोलकाता, 15 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को राज्य में चुनाव कराने में निर्वाचन आयोग (ईसी) की भूमिका पर सवाल उठाए।
उन्होंने साथ ही केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा ‘‘ईसी का उपयोग करके’’ मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ने के कथित प्रयासों के खिलाफ आगाह किया।
बनर्जी ने आरोप लगाया कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद से निर्वाचन आयोग की स्वतंत्र भूमिका से समझौता किया गया है। वह पार्टी की एक डिजिटल बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की रणनीति और राज्य में मतदाता सूची में अनियमितताओं का पता लगाने के लिए तृणमूल कांग्रेस के प्रयासों की स्थिति पर चर्चा करने के लिए सभी राज्य समिति के नेता, सांसद, विधायक और स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद थे।
उन्होंने महाराष्ट्र में कथित तौर पर फर्जी और जाली मतदाताओं को सूची में शामिल करने का हवाला दिया और दावा किया कि ‘‘चुनाव जीतने के लिए चार महीनों में 39 लाख मतदाताओं को जोड़ा गया।’’
बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने को आह्वान करते हुए कहा,‘‘16 अप्रैल से सत्यापन कार्य शुरू हो जाएगा और हमें किसी भी गड़बड़ी का विरोध करना होगा।’’
तृणमूल नेता ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में प्रशिक्षण शिविरों की योजना की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा, ‘‘इससे यह सुनिश्चित होगा कि जमीनी नेता तदनुसार सत्यापन कर सकें।’’
बनर्जी ने निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘2021 के विधानसभा चुनावों में, आयोग ने कोविड की स्थिति के बावजूद कई चरणों में चुनाव कराए और केंद्र में भाजपा की मदद करने के लिए जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को बदल दिया।’’
उन्होंने संदेशखलि मुद्दे का हवाला देते हुए दावा किया, ‘‘केंद्र द्वारा विभिन्न एजेंसियों का उपयोग करके और गलत सूचनाएं फैलाकर षड्यंत्र रचे गए।’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘आरजी कर अस्पताल में हुए जघन्य अपराध को सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ इस्तेमाल करने की कोशिश की गई, केंद्रीय एजेंसियों और बलों का इस्तेमाल कर अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की गई। लेकिन बंगाल के लोग हमारे साथ थे और उन्होंने साजिश को देखा।’’
बनर्जी ने जबरन वसूली के कथित प्रयासों पर कहा, ‘‘हमने देखा है कि कई लोग आईपीएसी या अभिषेक बनर्जी के कार्यालय से पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं।’’आईपीएसी एक राजनीतिक परामर्श फर्म है जिसकी सेवा तृणमूल ने 2021 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद के चुनावों में लिया था।
भाषा धीरज